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उज्जैन की दीदी का कमाल, गुजरात से नौकरी छोड़कर गांव में ड्रोन उड़ाकर कमा रहीं लाखों रुपये - Ujjain Drone Didi Radha Sisodia

उज्जैन की राधा सिसोदिया ने रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल में डिप्लोमा किया इसके बाद गुजरात में नौकरी की लेकिन रास नहीं आई. गांव वापस लौटकर जैविक खाद बनाने की ट्रेनिंग ली फिर आजीविका मिशन से जुड़कर ड्रोन उड़ाना सीखा और अब इसी को कमाई का जरिया बना लिया.

FERTILIZER SPRAYING HELP OF DRONE
जैविक खाद, कीटनाशक भी बनाती हैं राधा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 15, 2024, 9:13 PM IST

ड्रोन उड़ाकर कमा रहीं लाखों रुपये (ETV Bharat)

उज्जैन।शहर से 25 किलोमीटर दूर छोटे से गांव दताना में रहने वाली राधा सिसोदिया को अब लोग ड्रोन वाली दीदी कहकर बुलाते हैं. पॉलिटेक्निक कॉलेज से रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल में डिप्लोमा करने के बाद नौकरी करने गुजरात पहुंची. वहां से नौकरी छोड़कर वापस घर आ गई. केंद्र सरकार के आजीविका मिशन के नमो ड्रोन दीदी प्रोजेक्ट से जुड़ीं. ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग ली और खुद के खेत के अलावा ड्रोन से किसानों के खेतों में लगी फसल पर कीटनाशक का छिड़काव कर रही हैं. राधा ने इंदौर के प्रेस्टीज कालेज में नेशनल फर्टिलाइजर कंपनी से जैविक खाद बनाने के लिए 10 दिन की ट्रेनिंग ली. इसके बाद अब खुद जैविक खाद और कई तरह के कीटनाशक बनाने का काम कर रही हैं.

राधा सिसोदिया ने ड्रोन को बनाया कमाई का जरिया (ETV Bharat)

राधा की कमाई का जरिया बना ड्रोन

राधा सिसोदिया ने ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग लेने के बाद पहले खुद के खेतों में ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव किया. इसे देखकर दूसरे किसान भी प्रेरित हुए और राधा ने किसानों को इसके फायदे बताए. इसके बाद अब गांव के अधिकांश किसान के खेतों में राधा ही ड्रोन से छिड़काव करती हैं. बात आसपास के गांव में फैली तो कई गांव के लोग भी राधा सिसोदिया से अपने खेतों में कीटनाशक छिड़काव के लिए बुलाते हैं. और तो और कई किसान अब ड्रोन दीदी से ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग ले रहे हैं. अब ड्रोन ही राधा की कमाई का जरिया बन गया है.

राधा ने किया है रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल में डिप्लोमा (ETV Bharat)

जैविक खाद, कीटनाशक बनाने का काम

गांव में ड्रोन के जरिए छिड़काव बढ़ा तो राधा अब जैविक खाद के साथ कीटनाशक बनाने का भी काम कर रहीं हैं. इससे भी राधा अच्छी खासी कमाई कर लेती हैं. राधा कई गांव में जाकर लोगों को जैविक खाद और कीटनाशक बनाने की भी ट्रेनिंग देती हैं. अब तो उन्हें दूसरे जिलों से भी ट्रेनिंग देने के लिए बुलावा आता है. इसके लिए राधा ने इंदौर के प्रेस्टीज कालेज में नेशनल फर्टिलाइजर कंपनी से जैविक खाद बनाने के लिए ट्रेनिंग ली थी.

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खेती में रुचि के चलते छोड़ी नौकरी

राधा सिसोदिया ने बताया कि "इंजीनिरिंग का डिप्लोमा लेने के बाद गुजरात के अंकलेश्वर में नौकरी की लेकिन कृषि में रुचि होने के चलते उन्होंने नौकरी छोड़ दी और वापस गांव लौटकर खेती किसानी में हाथ आजमाने का सोचा. आजीविका मिशन में ड्रोन के लिए एप्लाई कर दिया. ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग ली और अब गांव वालों को भी ट्रेनिंग दे रही हूं. ड्रोन की मदद से उर्वरक छिड़काव करने से किसानों का समय, लागत और सिंचाई के लिए उपयोग में पानी की बचत होती है. ड्रोन से 1 एकड़ जमीन पर 10 मिनट में उर्वरक का छिड़काव हो सकता है. कोई भी महिला ड्रोन चलाना सीखकर रोजगार प्राप्त कर सकती है."

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