राजसमंद: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजसमंद की टीम ने उदयपुर में सवा लाख रुपये की रिश्वत लेते सीपीएनडीटी प्रभारी व चिकित्सा विभाग उदयपुर के संयुक्त निदेशक डॉ जुल्फीकार अहमद काजी को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. यह रिश्वत अस्पताल में सोनोग्राफी पर कार्रवाई नहीं करने की एवज में ली थी. एसीबी टीम ने आरोपी को गिरफ्तार करते हुए राशि को जब्त कर लिया.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक डॉ रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि चिकित्सा विभाग उदयपुर के संयुक्त निदेशक व पीसीपीएनडीटी प्रभारी डॉ जुल्फीकार अहमद काजी द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत आई. एक निजी अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन को सील न करने, सोनाेग्राफी रजिस्टर को वापस लौटाने एवं आगे से कभी परेशान नहीं करने की एवज में 1 लाख 50 हजार रुपये मांगे गए. बाद में निजी अस्पताल संचालक व संयुक्त निदेशक के बीच वार्ता होने पर 1 लाख 25 हजार रुपए रिश्वत पर सहमति बनी.
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इस बीच अस्पताल संचालक की शिकायत पर एसीबी टीम राजसमंद द्वारा सत्यापन कराया गया, जिसमें शिकायत सही पाई गई. इसके बाद एसीबी राजसमंद के सीआई मंशाराम के नेतृत्व में टीम उदयपुर पहुंची और एसीबी के प्लान के तहत अस्पताल के प्रतिनिधि ने डॉ जुल्फीकार को 1 लाख 25 हजार रुपये की रिश्वत दी. इस पर पीड़ित का इशारा पाते ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने घेराबंदी कर चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ जुल्फीकार को पकड़ लिया और हाथ धुलवाने पर रंग उभर आया. इस पर एसीबी की टीम ने उससे सवा लाख रुपये जब्त कर लिए.
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सर्च के बाद कोर्ट में करेंगे पेश: एसीबी महानिदेशक डॉ मेहरड़ा ने बताया कि फिलहाल आरोपी के दफ्तर व आवास की तलाशी ली जा रही है और अग्रिम पूछताछ जारी है. मेडिकल कराने के बाद पूछताछ की जाएगी, फिर एसीबी के स्पेशल कोर्ट उदयपुर में पेश किया जाएगा. एसीबी के एएसपी हिम्मतसिंह चारण ने बताया कि सरकारी दफ्तारों में कोई अधिकारी या कर्मचारी अगर जायज कार्य के लिए रिश्वत मांगे, तो तत्काल भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के हेल्पलाइन नंबर 1064 पर संपर्क किया जा सकता है. साथ ही व्हाट्सएप नंबर 94113502834 पर संपर्क कर सकते हैं.