कुचामनसिटी.डीडवाना के मौलासर तहसील में स्थित राजकीय सोमानी अस्पताल में अब मरीजों को चिकित्सकों के अभाव में परेशान नहीं होना होगा. पिछले लंबे समय से चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे अस्पताल को दो नए चिकित्सक मिले हैं. इस संबंध में विभागीय स्तर पर आदेश जारी कर दिए गए हैं. इस अस्पताल की बदतर स्थिति को लेकर ईटीवी भारत ने खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद हरकत में आते हुए अधिकारियों ने अस्पताल में तत्काल दो चिकित्सक लगाए हैं. इन चिकित्सकों की नियुक्ति के बाद अब अस्पताल में तीन चिकित्सक हो गए हैं.
दरअसल, डीडवाना के मौलासर तहसील में चिकित्सकों की कमी के कारण मौलासर का राजकीय सोमानी अस्पताल केवल मरहम पट्टी का केन्द्र ही बनकर रह गया था. 30 बेड वाला मौलासर का यह एक मात्र सरकारी अस्पताल है, जिसमें चिकित्सकों की कमी के चलते मरीजों को इलाज के लिए शहर का रुख करना पड़ता था. मरीजों को हो रही परोशानी को लेकर ईटीवी भारत ने 6 फरवरी को "एक डॉक्टर और नर्स के भरोसे चल रहा है 30 बेड का अस्पताल, बनकर रह गया रेफर केंद्र" शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी. खबर में बताया गया था कि मौलासर में स्थित ये 30 बेड का अस्पताल है, यहां 8 चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन पूरी व्यवस्था एक डॉक्टर और नर्स के भरोसे चल रही है. इस अस्पताल में हर दिन करीब 400 मरीजों की ओपीडी रहती है. इस अस्पताल में कार्यरत जनरल सर्जन डॉ. रामस्वरूप यादव ने बताया था कि विशेषज्ञ डॉक्टर न होने के कारण उनको दूसरे अस्पताल में रेफर करना पड़ता था. उन्होंने बताया था कि हर महीने करीब 100 प्रसूताओं की डिलीवरी भी इस अस्पताल में होती है.