मुजफ्फरपुर:बिहार के मुजफ्फरपुर में लाल लहूके काले कारोबार के बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है. एसकेएमसीएच ओपी पुलिस ने मंगलवार को दो और खून के सौदागर को दबोचा है. दोनों को एसकेएमसीएच पुलिस ने अस्पताल परिसर से उठाया है. एक धंधेबाज को मेडिकल कॉलेज के मेन गेट से और दूसरे को ब्लड बैंक के पास से पकड़ा गया. दोनों को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
मुजफ्फरपुर में खून के खेल में दो और गिरफ्तार: बात दें कि सोमवार इससे पहले दो धंधेबाजों को एसकेएमसीएच पुलिस ने हिरासत में लिया था. दोनों से पूछताछ में खून के अवैध कारोबार का खुलासा हुआ था. चारों आरोपियों पर अहियापुर थाने में एफआईआर दर्ज की जाएगी. बताया गया की एसकेएमसीएच पुलिस को सूचना मिली कि खून के दो और धंधेबाज एसकेएमसीएच में हैं और किसी महिला को खून दिलाने को लेकर बात कर रहे हैं.
खून दिलाने की बात करते दबोचा:एसकेएमसीएच ओपी प्रभारी डॉ. ललन पासवान ने बताया कि सूचना पर पुलिस ने तलाशी शुरू की तो एक धंधेबाज सकेएमसीएच के मेन गेट पर मोबाइल से बात करता हुआ और दूसरा ब्लड बैंक के पास खड़ा पकड़ गया. धंधेबाज एसकेएमसीएच में ही भर्ती सीतामढ़ी की एक एनीमिया पीड़ित महिला को खून दिलाने के नाम पर पैसे की बात कर रहे थे. एक धंधेबाज ने एडवांस के तौर पर पांच हजार रुपये भी उससे ले लिये थे.
"खून के खेल में अबतक चार धंधेबाज को गिरफ्तार किया गया है. हमारी जांच में कई अवैध धंधेबाजों का पर्दाफाश होगा. खून का कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा है. जल्द सारे धंधेबाज पुलिस की गिरफ्त में होंगे."-डॉ. ललन पासवान, एसकेएमसीएच, ओपी प्रभारी
यूनिट के हिसाब से पैसे की डिमांड:उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज से लेकर अन्य अस्पतालों में काम करने वाले कुछ कर्मचारी पैसे की लालच में खून के धंधेबाजों को जरूरतमंद मरीजों की जानकारी देते हैं. खून के धंधेबाजों का नेटवर्क अस्पताल के कुछ कर्मियों तक फैला है. जिससे मरीज के पहुंते ही उन्हें सूचना मिल जाती है. धंधेबाज एक मरीज की सूचना देने पर कर्मचारी को 500 रुपये से एक हजार रुपये तक की लालच देते हैं. यूनिट के हिसाब से पैसे की डिमांड की जाती है.