नई दिल्ली/नोएडा:नोएडा में एटीएम मशीनों में कैश लोडिंग और अनलोडिंग का काम करने वाले दो कस्टोडियन ने जालसाजी कर कंपनी को 35 लाख 72 हजार 500 रुपए का नुकसान पहुंचा दिया. कंपनी के सहायक प्रबंधक ने आरोपी कस्टोडियन के खिलाफ फेज तीन थाने में शुक्रवार को मुकदमा दर्ज कराया है. मुकदमा दर्ज होने के बाद से आरोपियों ने मोबाइल बंद कर लिया है. दोनों कस्टोडियन की तलाश में पुलिस की दो टीमें गठित कर दी गई हैं.
सीएमएस इन्फोसिस्टम लिमिटेड कंपनी के सहायक प्रबंधक देवेंद्र सिंह रावत ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है. इसमें बताया कि उनकी कंपनी विभिन्न बैंकों का पैसा उनके निर्देशों के अनुसार एटीएम मशीनों में जमा करने का काम करती है. इसको करने के लिए कंपनी में एजेंट के रूप में कस्टोडियनों की नियुक्ति की जाती है. साहिबाबाद ब्रांच के अंतर्गत 39 एटीएम के रूटों पर कंपनी द्वारा एटीएम बूथ में पैसे डालने का काम किया जाता है.
प्रत्येक रूट पर रहते हैं कंपनी के दो कस्टोडियनःप्रत्येक रूट पर कंपनी के दो कस्टोडियन रहते हैं, जिनकी जिम्मेदारी इंडेंट के अनुसार बैंक तथा सीएमएस कंपनी के वोल्ट से कैश लेकर एटीएम मशीनों में कैश लोड करने तथा कैश को बैंक और कंपनी के वोल्ट में जमा कराना होता है. कस्टोडियन विकास कुमार उर्फ बंटी तथा मोहम्मद आकिब की ड्यूटी नोएडा के रूट नंबर 11 पर थी. दोनों कस्टोडियन जून 2024 से नियुक्त थे. उनके पास संबंधित एटीएम के वाल्ट को खोलने के लिए गोपनीय पासवर्ड, एडमिन कार्ड तथा रूट की चाभी थी. बिना कस्टोडियन के किसी भी हालत में किसी भी एटीएम के वोल्ट को खोला नहीं जा सकता है.
ऑडिट से खुली पोलःसात अगस्त को विकास कुमार उर्फ बंटी ऑफिस नहीं आया. उसकी टीम के लीडर जितेंद्र दास ने उसे फोन किया तो उसने कहा कि वह आधे घंटे में ऑफिस आ रहा है. उसके बाद से उसका फोन स्विच ऑफ जा रहा है. कस्टोडियन विकास उर्फ बंटी के ऑफिस ना आने पर शक के आधार पर उसके रूट पर ऑडिट किया गया तो पता चला कि मामूरा सेक्टर 66 स्थित बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम में 35 लाख 72 हजार 500 कम है. कंपनी ने जब एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरे को चेक किया तो उस पर ब्लैक स्प्रे किया हुआ मिला. ऐसा इसलिए किया गया ताकि मशीन के साथ हुई छेड़छाड़ की तस्वीर कैद न हो सके.