नई दिल्ली/नोएडा:समलैंगिंग ऐप पर दोस्ती कर संबंध बनाने और इसके बाद घटना का वीडियो वायरल करने की धमकी देकर जबरन पैसे वसूलने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए फेज दो पुलिस ने दो आरोपियों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. घटना में इस्तेमाल होने वाली बाइक और मोबाइल भी पुलिस ने कब्जे में ले ली है. दोनों आरोपियों का आपराधिक इतिहास पता किया जा रहा है. गिरफ्त में आए दोनों शातिरों ने अब तक 20 से अधिक लोगों का वीडियो बनाया और उनसे जबरन रकम वसूली की है.
डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बीते दिनों एक पीड़ित ने फेज दो पुलिस को दी शिकायत में बताया कि दो युवकों ने उससे समलैंगिक ऐप पर दोस्ती की और मिलने के लिए सुनसान जगह पर बुलाया. वहां संबंध बनाने के दौरान आरोपियों ने इसका वीडियो बना लिया. कुछ दिन बाद दोनों युवकों ने पीड़ित के मोबाइल पर घटना का वीडियो भेजा और कहा कि अगर उसने 30 हजार रुपये और सोने का हार दो दिन के भीतर नहीं दिया तो वीडियो सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर वायरल हो जाएगा. इसके बाद पीड़ित को बदनामी का डर सताने लगा और उसने जीवन समाप्त करने तक के बारे में सोच लिया.
दोनों आरोपी की उम्र 20 और 22 साल:जब दोनों युवकों ने ब्लैकमेल करना जारी रखा तो पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस से कर दी. मुकदमा दर्ज करने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए एक टीम गठित की गई. टीम ने शुक्रवार को बुलंदशहर निवासी 22 वर्षीय किशोर कुमार राघव और सलारपुर निवासी 20 वर्षीय दीपक कुमार को गिरफ्तार कर लिया. किशोर 12वीं पास है और दीपक वर्तमान में एक नामी कॉलेज से कानून की पढ़ाई कर रहा है. दोनों समलैंगिक ऐप पर प्रोफाइल बनाकर डेटिंग करते थे. इसके बाद किसी व्यक्ति का अंतरंग वीडियो वसूली के मकसद से चुपके से बना लिया जाता था. दोनों की गिरफ्तारी के बाद कई अन्य लोगों ने भी पुलिस से संपर्क किया है, जो इस प्रकार की घटना से पीड़ित हैं.
ऐसे बनाते थे लोगों को अपना शिकार:एडिशनल डीसीपी ह्द्रेश कठेरिया ने बताया कि दीपक और किशोर समलैंगिक ऐप पर अपनी प्रीमियम प्रोफाइल बनाते थे. इसके बाद लोगों को दोस्ती का प्रस्ताव भेजते थे. प्रस्ताव स्वीकार होने पर दोनों सामने वाले व्यक्ति से बातचीत करने लगते थे. दोस्ती जैसे ही प्रगाढ़ होती थी, दोनों योजना के मुताबिक प्रस्ताव स्वीकार करने वाले व्यक्ति को सुनसान जगह पर बुलाते थे. विश्वास में लेकर दोनों इसके बाद संबंध बनाते थे और गिरोह का ही एक व्यक्ति घटना का वीडियो बनाता था, ताकि आगे ब्लैकमेल कर ठगी की जा सके.