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रांची में सरहुल पर्व की तैयारी में जुटे आदिवासी संगठनों के लोग, बेहतर झांकी निकालने वाले को मिलेगा एक लाख का इनाम - Sarhul Festival In Jharkhand - SARHUL FESTIVAL IN JHARKHAND

Sarhul festival in Ranchi.प्रकृति का पर्व सरहुल को लेकर रांची में आदिवासी समाज के लोगों की तैयारी अंतिम चरण में है. इस वर्ष एक से बढ़कर एक झांकी निकाली जाएगी. साथ ही झांकी निकालने वाले टॉप थ्री खोड़ा दल को पुरस्कृत भी किया जाएगा.

Tribals Preparing For Sarhul
Sarhul Festival In Jharkhand

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 7, 2024, 4:46 PM IST

रांची में सरहुल पर्व की तैयारी के संबंध में जानकारी देते केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की.

रांची: झारखंड में आदिवासियों का प्रमुख पर्व सरहुल की तैयारी इन दिनों जोर-शोर से चल रही है. राजधानी रांची की बात करें तो सरहुल को लेकर आदिवासी संगठनों की ओर से विशेष तैयारी की जा रही है. रांची में केंद्रीय सरना समिति ने इस बार सरहुल जुलूस में बेहतर झांकी निकालने वाले खोड़ा दल को एक लाख का नगद इनाम देने की घोषणा की है.

उत्कृष्ट झांकी निकालने वाले खोड़ा दल को मिलेगा एक लाख का नगद इनाम

इस संबंध में केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि सरहुल का पर्व आदिवासी समुदाय के लिए काफी महत्वपूर्ण है. यह पर्व आदिवासियों के लिए नया साल लेकर आता है और इस पर्व में लोग अपने पर्यावरण और वातावरण को स्वच्छ रखने का प्रण लेते हैं. इसलिए इस बार सरहुल पर्व पर लोगों के उत्साह को बढ़ाने के लिए केंद्रीय सरना समिति के तरफ से इनाम की घोषणा की गई है. जिसमें फर्स्ट प्राइज एक लाख के रूप में दिया जाएगा, सेकेंड प्राइज 50 हजार रुपए और तीसरे नंबर पर रहने वाले खोड़ा दल को 25 हजार रुपए का नगद इनाम दिया जाएगा.

रांची के विभिन्न स्थानों से निकाली जाएगी झांकी

मालूम हो कि राजधानी रांची के विभिन्न इलाकों से निकलने वाली झांकी सिरम टोली के सरना स्थल पहुंचती है और वहां पर आदिवासी समाज के पाहन (मुख्य पुजारी) पारंपरिक तरीके से पूजा-पाठ कर लोगों के बीच प्रसाद का वितरण करते हैं.

इस वर्ष एक से बढ़कर एक झांकी निकाली जाएगी

केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने बताया कि इस बार की झांकी में छत्तीसगढ़ के हसदेव जंगल की अवैध कटाई, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने की घटना प्रदर्शित की जाएगी. इसके अलावा भी समाज में रह रहे आदिवासियों से जुड़े विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर भी झांकी निकाली जाएगी.

सरहुल पर्व पर जल, जंगल और जमीन की रक्षा का लेंगे संकल्प

गौरतलब है कि सरहुल में आदिवासी समाज के लोग पारंपरिक लोकगीत और मांदर की थाप पर नाचते-गाते हैं. इस दिन आदिवासी समाज के लोग जल, जंगल और जमीन की रक्षा करने का संकल्प लेते हैं.

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