कोरबा:जमीन फर्जीवाड़ा का ये मामला 10 साल पुराना है. प्रार्थी रामसाय उरांव (70 वर्ष) निवासी-दादरखुर्द (कदमखार) ने कोरबा कलेक्टर को एक आवेदन दिया. जिसमें कहा गया कि उसके हक की जमीन खसरा नंबर 626 रकबा 1 एकड़ को आरोपी रामसाय पिता दोंदरो यादव और राजेन्द्र यादव निवासी-दादरखुर्द के द्वारा उसके पिता दशरथ उरांव के स्थान पर खड़ा किया और कूटरचित दस्तावेज के आधार पर धोखाधड़ी करते हुए जमीन की रजिस्ट्री कराई. यानी जमीन के असली मालिक से मिलते जुलते नाम वाले दूसरे व्यक्ति को जमीन का फर्जी मालिक बना दिया गया. इसी फर्जी मालिक ने जमीन की रजिस्ट्री एक सामान्य वर्ग के व्यक्ति को कर दी, जबकि यह जमीन राजस्व रिकॉर्ड में आदिवासी भूमि है.
आदिवासी की जमीन में फर्जीवाड़ा, कोर्ट ने 2 आरोपियों को सुनाई 7 साल की कठोर सजा - TRIBAL LAND FRAUD CASE
TRIBAL LAND FRAUD CASE आदिवासी की जमीन को गलत तरीके से बिक्री के मामले में कोरबा कोर्ट ने दो आरोपियों को 7 साल की कठोर सजा सुनाई है. दोनों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर आदिवासी व्यक्ति की जमीन फर्जीवाड़ा कर सामान्य वर्ग के व्यक्ति के नाम रजिस्ट्री कराई.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Jul 31, 2024, 8:05 AM IST
|Updated : Jul 31, 2024, 8:59 AM IST
जमीन फर्जीवाड़े का पूरा मामला :कोरबा जिला दंडाधिकारी ने सब डिविजनल ऑफिसर राजस्व के जरिए विवादित जमीन की जांच कराई. जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि कूटरचित दस्तावेज के आधार पर रामसाय पिता दोंदरों निवासी कदमहाखार जाति की जमीन को रामसाय पिता दोंदरो यादव को भूस्वामी बनाकर अनुसूचित जनजाति की जमीन को फर्जी तरीके से अभियुक्त जवाहर लाल अग्रवाल पिता चंदगीराम अग्रवाल के नाम पर रजिस्ट्री कराया गया है. जांच के बाद थाने में केस दर्ज कराया गया. इस मामले में अभियुक्त राजेन्द्र प्रसाद यादव और कमल नारायण पटेल को गिरफ्तार किया गया. इस मामले के अन्य अभियुक्त कमलनारायण पटेल की रिमांड अवधि में 18 फरवरी 2015 को मौत हो गयी. एक और अभिभियुक्त परदेसीराम यादव की मौत भी 31 दिसंबर 2014 को हो गई थी.
दो दोषियों को 7 साल की कठोर सजा: जमीन फर्जीवाड़े के मामले में 9 जनवरी 2015 को अभियुक्त राजेन्द्र यादव और कमल नारायण को गिरफ्तार कर रिमांड पर जेल भेजा गया. प्रकरण की सुनवाई के दौरान पेश किए गए सबूतों के आधार पर ये साबित हुआ कि मृतक परदेसी राम यादव ने अभियुक्त राजेन्द्र यादव, जवाहर लाल अग्रवाल, गवाह कमल नारायण (वर्तमान समय में मृतक) और मोहन लाल शर्मा (वर्तमान समय में मृतक) के साथ एक राय होकर रामसाय यादव के रूप में प्रतिरूपण करते पीड़ित रामसाय उरांव के साथ छल किया. ट्राइबल लैंड को गैर आदिवासी के नाम बाजार भाव से 1/20 गुना कम दर पर बेचने के मामले में विशेष न्यायाधीश (एक्ट्रोसिटी) जयदीप गर्ग ने दोनों अभियुक्तों राजेन्द्र यादव और जवाहर लाल अग्रवाल को 7 साल की सजा सुनाई गई है, जुर्माना भी लगाया गया है.