बलरामपुर : छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में तातापानी महोत्सव जारी है. महोत्सव के दूसरे दिन छत्तीसगढ़ के आदिवासी समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक परिधानों का प्रदर्शित किया गया. इसी थीम पर एक जीवंत आदिवासी फैशन वॉक का आयोजन किया गया.
सीएम ने बताया ट्राइबल फैशन वॉक का उद्देश्य : यह कार्यक्रम मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में आयोजित महोत्सव के सांस्कृतिक मंच पर हुआ. स्थानीय छात्रों ने फैशन वॉक के दौरान मुख्य भूमिका निभाई और क्षेत्र के आदिवासी समुदायों की विशिष्ट पोशाक, रीति-रिवाजों और परंपराओं को गर्व से प्रदर्शित किया. इस पहल का उद्देश्य इन सांस्कृतिक प्रथाओं को संरक्षित करना और उन्हें जनता के सामने पेश करने के लिए एक मंच प्रदान करना था. तातापानी महोत्सव में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी शिरकत किया.
हमारा छत्तीसगढ़ आदिवासियों से भरा हुआ है और यहां के लोगों की अपनी परंपराएं और रीति-रिवाज हैं. उनकी अनूठी परंपराओं को संरक्षित करने के लिए उनकी संस्कृति को ट्राइबल फैशन वॉक के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है. लोगों को इन परंपराओं से अवगत कराने के लिए आज ट्राइबल फैशन वॉक का आयोजन किया गया : विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
आदिवासी परिधानों के महत्व पर डाला प्रकाश : इस कार्यक्रम में न केवल आदिवासी परिधानों के महत्व पर प्रकाश डाला गया, बल्कि इन समुदायों की अनूठी परंपराओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने का भी प्रयास किया गया. बलरामपुर के मुख्य अधिकारी रणवीर साय ने राज्य की विविध आदिवासी संस्कृति पर गर्व व्यक्त करते हुए ऐसे आयोजनों के महत्व पर जोर दिया.
बॉलीवुड गायक और संगीतकार की प्रस्तुति : तातापानी महोत्सव के दूसरे दिन आदिवासी फैशन वॉक के अलावा, दर्शकों को बॉलीवुड गायक और संगीतकार मिथुन शर्मा द्वारा ऊर्जावान प्रदर्शन देखने को मिला, जिन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर बॉलीवुड के कई लोकप्रिय गाने प्रस्तुत किए.
तीन दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव तातापानी महोत्सव का उद्घाटन मकर संक्रांति पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया था. यह महोत्सव तातापानी गर्म झरनों के पास आयोजित किया जा रहा है. जहां भगवान शिव की 80 फुट ऊंची तपेश्वर धाम प्रतिमा स्थित है. इसे देखने के लिए हर साल हजारों पर्यटक यहां आते हैं. इस उत्सव में जीवंत मेला, सांस्कृतिक कार्यक्रम और स्थानीय तथा बॉलीवुड कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियां दी जा रही हैं, जिसमें क्षेत्रीय प्रतिभाओं और परंपराओं को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.