डिंडोरी।मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं वेंटिलेटर पर हैं. जिले के सरवाही अस्पताल में 5 दिन से लाइट नहीं है. शाम होते ही अस्पताल में घुप अंधेरा छा जाता है. बताया जाता है कि अस्पताल का बिजली कनेक्शन अवैध बताकर काट दिया गया है. इसका खामियाजा इलाके के गरीब आदिवासी मरीजों एवं गर्भवती महिलाओं को उठाना पड़ रहा है. सरवाही जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर है. सरवाही बजाग विकासखंड में पड़ता है.
अस्पताल में घुप अंधेरा, मोमबत्ती ही सहारा
सरवाही के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गुरुवार रात को डॉक्टर समेत तमाम कर्मचारी घुप अंधेरे में मोमबत्ती जलाकर ड्यूटी करते मिले. इस अस्पताल में आसपास के 20 गांवों के मरीज आते हैं. अस्पताल में 5 दिन से बिजली कटी है. रोशनी के लिए वार्ड समेत अन्य कमरों में मोमबत्ती जलाई गई हैं. अस्पताल में पदस्थ डॉ.अर्जुन विश्वास ने बताया "गुरुवार रात प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला अस्पताल पहुंची, जिसे एडमिट करना बेहद आवश्यक था. अस्पताल में बिजली गुल थी पर डिलेवरी कराना भी बहुत जरूरी था. लिहाजा मोबाइल टॉर्च की रोशनी के सहारे ही डिलेवरी कराई गई."
भीषण गर्मी के बीच अंधेरे में कराई डिलेवरी
डिलेवरी के बाद जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं. मोबाइल की रोशनी से डिलेवरी कराने वाली नर्सिंग ऑफिसर नीतू ठाकुर ने बताया "यदि समय पर डिलेवरी नहीं होती तो जच्चा और बच्चा दोनों को खतरा हो सकता था. इसलिए रिस्की होने के बाद भी उन्होंने मोबाइल की रोशनी में ही डिलेवरी कराने का निर्णय लिया." वहीं, अस्पताल के डॉ. अर्जुन विश्वास ने बिजली कंपनी द्वारा बिजली काटने पर रोष व्यक्त किया.