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डिंडोरी के सरवाही अस्पताल में 5 दिन से बिजली गुल, भीषण गर्मी के बीच मोबाइल टॉर्च के सहारे डिलेवरी - Dindori delivery in mobile torch

मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं बद से बदतर होती जा रही हैं. ताजा मामला बजाग विकासखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरवाही का है. भीषण गर्मी के बीच यहां मोबाइल टॉर्च की रोशनी में महिला की डिलेवरी कराई गई है. दरअसल, सरवाही अस्पताल में 5 दिन से बिजली गुल है.

Dindori delivery in mobile torch
डिलेवरी के बाद घर पहुंची महिला ने बताई आपबीती (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 10, 2024, 4:41 PM IST

डिंडोरी के सरवाही अस्पताल में मोबाइल टॉर्च की रोशनी में डिलेवरी (ETV BHARAT)

डिंडोरी।मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं वेंटिलेटर पर हैं. जिले के सरवाही अस्पताल में 5 दिन से लाइट नहीं है. शाम होते ही अस्पताल में घुप अंधेरा छा जाता है. बताया जाता है कि अस्पताल का बिजली कनेक्शन अवैध बताकर काट दिया गया है. इसका खामियाजा इलाके के गरीब आदिवासी मरीजों एवं गर्भवती महिलाओं को उठाना पड़ रहा है. सरवाही जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर है. सरवाही बजाग विकासखंड में पड़ता है.

अस्पताल में घुप अंधेरा, मोमबत्ती ही सहारा

सरवाही के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गुरुवार रात को डॉक्टर समेत तमाम कर्मचारी घुप अंधेरे में मोमबत्ती जलाकर ड्यूटी करते मिले. इस अस्पताल में आसपास के 20 गांवों के मरीज आते हैं. अस्पताल में 5 दिन से बिजली कटी है. रोशनी के लिए वार्ड समेत अन्य कमरों में मोमबत्ती जलाई गई हैं. अस्पताल में पदस्थ डॉ.अर्जुन विश्वास ने बताया "गुरुवार रात प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला अस्पताल पहुंची, जिसे एडमिट करना बेहद आवश्यक था. अस्पताल में बिजली गुल थी पर डिलेवरी कराना भी बहुत जरूरी था. लिहाजा मोबाइल टॉर्च की रोशनी के सहारे ही डिलेवरी कराई गई."

भीषण गर्मी के बीच अंधेरे में कराई डिलेवरी

डिलेवरी के बाद जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं. मोबाइल की रोशनी से डिलेवरी कराने वाली नर्सिंग ऑफिसर नीतू ठाकुर ने बताया "यदि समय पर डिलेवरी नहीं होती तो जच्चा और बच्चा दोनों को खतरा हो सकता था. इसलिए रिस्की होने के बाद भी उन्होंने मोबाइल की रोशनी में ही डिलेवरी कराने का निर्णय लिया." वहीं, अस्पताल के डॉ. अर्जुन विश्वास ने बिजली कंपनी द्वारा बिजली काटने पर रोष व्यक्त किया.

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प्रसूता बोली- बहुत डर लग रहा था

वहीं, प्रसूता रामप्यारी ने बताया "रात में अस्पताल में बिजली नहीं थी. उसे बहुत दर्द हो रहा था. मोबाइल की रोशनी में डिलेवरी कराई गई. इस दौरान उसे बहुत डर लग रहा था. हालांकि महिला स्वास्थ्य कर्मचारियों के हौसले को देखकर उसे ताकत मिली."वहीं, गांव के सरपंच राजकुमार सैयाम और लोकेश पटेरिया ने अस्पताल के स्टाफ की तारीफ की. साथ ही बिजली कंपनी द्वारा कनेक्शन काटने पर रोष जाहिर किया.

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