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तीन साल में नहीं मिला स्मार्ट कार्ड RC; 2021 में प्रदेश सरकार ने दी थी मंजूरी, वाहन मालिकों को मिल रहा पेपर सर्टिफिकेट - TRANSPORT DEPARTMENT

TRANSPORT DEPARTMENT : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने साल 2019 में जारी की थी अधिसूचना.

परिवहन आयुक्त कार्यालय
परिवहन आयुक्त कार्यालय (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 8, 2024, 8:29 PM IST

लखनऊ : देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में पहले कागज वाला ड्राइविंग लाइसेंस जारी होता था, लेकिन डिजिटल युग में आगे बढ़ते हुए परिवहन विभाग ने वाहन मालिकों को किताबी ड्राइविंग लाइसेंस से मुक्ति देते हुए स्मार्ट कार्ड (डीएल) उपलब्ध कराना शुरू कर दिया. इसके बाद मांग उठी कि A4 साइज की कागज वाली आरसी को भी क्यों ना स्मार्ट किया जाए? यानि इसे भी कागज से बदलकर स्मार्ट कार्ड के रूप में वाहन मालिकों को उपलब्ध कराया जाए. इसके बदले स्मार्ट कार्ड की फीस ली जाए.

स्मार्ट कार्ड RC को लेकर देखिए खास खबर (Video credit: ETV Bharat)

इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने साल 2019 में सभी राज्यों को स्मार्ट कार्ड (आरसी) जारी करने की अधिसूचना जारी कर दी थी. दो साल बाद वर्ष 2021 में प्रदेश सरकार ने भी स्मार्ट कार्ड (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) की मंजूरी दे दी. तब से अभी तक तीन साल बीत गए, लेकिन स्मार्ट कार्ड आरसी जारी होना तो दूर परिवहन विभाग अभी इसका खाका तक नहीं खींच पाया है. अब एक बार फिर जब केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने सवाल जवाब किया तो स्मार्ट कार्ड आरसी की दिशा में शासन एक्टिव हुआ.

परिवहन विभाग से पत्रावली तलब की है कि देश के किन-किन राज्यों में वाहन मालिकों को स्मार्ट कार्ड आरसी उपलब्ध कराई जा रही है? इसकी शुरुआत किस राज्य में कब से हुई? इसका पूरा ब्योरा उपलब्ध कराया जाए, इसके बाद यूपी में भी वाहन मालिकों को स्मार्ट कार्ड आरसी उपलब्ध कराई जाए. परिवहन विभाग ने अब एक बार फिर सिक्योरिटी से लैस स्मार्ट कार्ड डीएल की तरह स्मार्ट कार्ड आरसी देने की दिशा में कदम बढ़ाना शुरू किया है.



अन्य राज्यों में स्मार्ट कार्ड आरसी कई वर्षों से वाहन मालिकों को उपलब्ध कराई जा रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है, जहां पर वाहन मालिकों को स्मार्ट कार्ड आरसी तो दूर लैमिनेटेड आरसी तक नहीं दी जा रही है. अब तीन साल बाद परिवहन विभाग स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस की तरह ही वाहन मालिकों को स्मार्ट आरसी (वाहन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) भी उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू कर रहा है. स्मार्ट कार्ड डीएल जितने साइज का है स्मार्ट आरसी कार्ड भी उतने ही साइज का होगा, जिसे वाहन मालिकों को अपने साथ कैरी करना आसान होगा. स्मार्ट कार्ड आरसी बनाने का परिवहन विभाग का मकसद वाहन मालिकों को सिक्योरिटी प्रदान करना है.

डिजिलॉकर से भी फंसा पेंच :परिवहन अधिकारी की तरफ से तो यहां तक कहा जा रहा है कि जब अब हम डिजिटल की तरफ ही बढ़ रहे हैं और जब डिजिलॉकर पर अपने सभी दस्तावेज सुरक्षित रखने की सुविधा है और वाहन चेकिंग के दौरान डिजिटल प्रपत्रों की मान्यता है तो फिर अब स्मार्ट कार्ड आरसी की आवश्यकता ही क्या है? सरकार ने स्मार्ट कार्ड आरसी की जरूरत को समझते हुए ही इसे जारी करने की मंजूरी दी है, हालांकि परिवहन विभाग के अधिकारी पूरी तरह से अभी यह नहीं बता पा रहे हैं कि अन्य राज्यों की तरह यूपी में कब से स्मार्ट कार्ड आरसी वाहन मालिकों को उपलब्ध होगी, लेकिन यह जरूर कहना है कि अब स्मार्ट कार्ड आरसी जारी जरूर की जाएगी.

11 साल से मिल रहा स्मार्ट कार्ड डीएल :उत्तर प्रदेश में परिवहन विभाग ने 11 साल पहले जनता को स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस की सुविधा उपलब्ध करानी शुरू कर दी थी. लखनऊ में 9 जनवरी 2013 को स्मार्ट कार्ड डीएल सेवा की शुरुआत हुई थी, लेकिन 11 साल बाद भी अब तक स्मार्ट कार्ड आरसी वाहन मालिकों को उपलब्ध कराने में परिवहन विभाग नाकाम रहा है. 2019 से ही स्मार्ट आरसी उपलब्ध कराने की कोशिश जारी है, लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकती है. अब एक बार फिर इस डायरेक्शन में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने सोचना शुरू किया है.


स्मार्ट-आरसी के कई फायदे :वाहन मालिकों को कागज की जगह स्मार्ट कार्ड आरसी मिलेगी तो इसके कई फायदे होंगे. सबसे बड़ा फायदा वाहन मालिक को प्रपत्रों को रखने में ज्यादा दिमाग नहीं लगाना पड़ेगा. साथ ही पेपर आरसी फटने और गलने का डर रहता है, जबकि स्मार्ट कार्ड आरसी के साथ ऐसा कुछ भी नहीं होगा. कागज की आरसी का साइज भी ए4 होता है. स्मार्ट कार्ड आरसी का साइज स्मार्ट कार्ड डीएल के बराबर ही होगा तो इसे वाहन मालिक आराम से स्मार्ट कार्ड, डीएल, एटीएम या फिर विजिटिंग कार्ड की तरह ही पर्स में रख सकेंगे.

200 रुपए हो सकती है फीस :परिवहन विभाग के अधिकारी का कहना है कि स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जनता से ₹200 फीस वसूल करता है. इसी तरह वाहन मालिकों से स्मार्ट कार्ड आरसी के लिए भी ₹200 फीस वसूल की जा सकती है.

हर माह जारी होती हैं चार लाख के करीब आरसी :बता दें कि लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में हर माह लगभग चार लाख रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) जारी किए जाते हैं. अब स्मार्ट कार्ड डीएल की तरह स्मार्ट कार्ड आरसी भी जारी करने की तैयारी है. जिस तरह पोस्ट ऑफिस से स्मार्ट कार्ड डीएल भेजने की व्यवस्था है, उसी तरह वाहन मालिकों के घर स्मार्ट डीएल भेजने की व्यवस्था भी परिवहन विभाग की तरफ से की जाएगी.


क्या कहते हैं परिवहन मंत्री :उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने स्मार्ट कार्ड डीएल जारी करने के 'ईटीवी भारत' के सवाल पर कहा कि अब इस दिशा में हम गंभीरता से कदम बढ़ा रहे हैं. परिवहन विभाग से पत्रावली तलब की गई है कि किस राज्य में कब से स्मार्ट कार्ड डीएल वाहन मालिकों को उपलब्ध कराई जा रही है? पूरा ब्योरा मिलने के बाद उत्तर प्रदेश में भी स्मार्ट कार्ड डीएल जारी करने की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा. जितना जल्दी हो सकेगा हम वाहन मालिकों को स्मार्ट कार्ड आरसी उपलब्ध कराएंगे.

क्या कहते हैं आरटीओ :लखनऊ के आरटीओ संजय कुमार तिवारी का कहना है कि वाहन में एचएसआरपी लगने के बाद मुख्यालय की तरफ से जारी प्रपत्र पर आरटीओ कार्यालय की तरफ से वाहन मालिक को पेपर आरसी जारी की जाती है, जहां तक स्मार्ट कार्ड आरसी जारी करने की बात है तो यह नीतिगत विषय है. इस पर परिवहन विभाग मुख्यालय और शासन को फैसला लेना है. आरटीओ स्तर से यह संभव नहीं है.



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