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शीतकाल में तुंगनाथ मंदिर में प्रवेश पर पाबंदी, मंदिर समिति ने परिसर में की घेरबाड़, जानिए वजह

मंदिर समिति ने सुरक्षा और स्वच्छता दृष्टि को लेकर उठाया कदम, शीतकाल में चंद्रशिला पहुंचते हैं टूरिस्ट

TUNGNATH DHAM PREMISES RESTRICTIONS
शीतकाल में तुंगनाथ मंदिर में प्रवेश पर पाबंदी (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 10, 2024, 5:15 PM IST

Updated : Nov 10, 2024, 10:03 PM IST

रुद्रप्रयाग: हिमालय में सबसे ऊंचाई व चन्द्रशिला की तलहटी में विराजमान तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद हो गये हैं.तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकाल में मक्कूमठ में विराजमान होगी. कपाट बंद होने के बाद मन्दिर समिति ने धाम की सुरक्षा व स्वच्छता की दृष्टि से मन्दिर परिसर, अतिथि गृह व अधिकारी-कर्मचारियों के आवासों की सीमाओं की घेरबाड़ कर दी है. अब शीतकाल में चन्द्रशिला जाने वाले पर्यटक, सैलानी व प्रकृति प्रेमी मन्दिर परिसर में प्रवेश नहीं कर पायेंगें.

मन्दिर समिति ने शीतकाल में पर्यटकों, सैलानियों व प्रकृति प्रेमियों के लिए मन्दिर परिसर में प्रवेश करने पर पाबन्दी लगा दी है. तुंगनाथ प्रबंधक बलवीर नेगी ने बताया भगवान तुंगनाथ के कपाट विगत चार नवम्बर को परम्परा के अनुसार शीतकाल के लिए बन्द कर दिये गये हैं. सात नवम्बर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में विराजमान हो चुकी है. उन्होंने बताया शीतकाल में बर्फबारी का आनन्द लेने व प्रकृति की हसीन वादियों से अति निकट से रूबरू होने के लिए पर्यटकों, सैलानियों व प्रकृति प्रेमियों की आवाजाही चन्द्रशिला शिखर तक जारी रहती है.

चन्द्रशिला जाने वाले पर्यटक, सैलानी व प्रकृति प्रेमी तुंगनाथ मन्दिर परिसर में भी प्रवेश करते हैं. जिससे तुंगनाथ मन्दिर, भंडार गृह, अतिथि गृह व अधिकारी-कर्मचारियों के आवासों की सुरक्षा को भी खतरा रहता है. मन्दिर परिसर में पर्यटकों की ओर से कूड़ा-कचरा छोड़ने से मन्दिर परिसर में गन्दगी फैल जाती है. इसलिए मन्दिर के पदाधिकारियों, उच्चाधिकारियों के निर्देश पर तुंगनाथ मन्दिर परिसर की सीमाओं के चारों तरफ सुरक्षा व स्वच्छता के दृष्टिगत घेरबाड़ की गयी है. उन्होंने कहा मन्दिर की सुरक्षा की दृष्टि से मन्दिर समिति के तीन कर्मचारी अभी भी तुंगनाथ धाम में तैनात हैं. उन्होंने बताया चन्द्रशिला के शिखर पर शीतकाल में भी मानवीय आवागमन होने के कारण ग्लोबल वार्मिंग की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. परिणामस्वरूप गर्मियों में तुंगनाथ धाम में पेयजल संकट गहरा रहा है.

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Last Updated : Nov 10, 2024, 10:03 PM IST

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