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कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर सरकारी कार्यक्रम नहीं होने पर पूर्व मंत्री ने उठाए सवाल! सार्वजनिक अवकाश की भी की मांग - KARPOORI THAKUR JAYANTI DAY

संयुक्त बिहार के मुख्यमंत्री रहें कर्पूरी ठाकुर की आज 100वीं जयंती है. रांची में इस अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

KARPOORI THAKUR JAYANTI DAY
भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर की आज 100वीं जयंती (Etv Bharat)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 24, 2025, 8:28 PM IST

रांची: संयुक्त बिहार के मुख्यमंत्री रहें प्रखर समाजवादी और लोहियावादी नेता भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर की आज जयंती है. उनकी जयंती पर आज रांची के कर्पूरी ठाकुर चौक( हीनू चौक) पर विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा जयंती समारोह मनाया गया.

पूर्व मंत्री रामचंद्र केशरी, मीडियाकर्मियों से बात करते हुए (Etv Bharat)

जननायक कर्पूरी ठाकुर संघर्ष मोर्चा द्वारा आयोजित जयंती समारोह में वक्ताओं ने इस बात पर नाराजगी जताई कि भारत रत्न मिलने के बावजूद राज्य की सरकार की ओर से कोई राजकीय कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया.

पूर्व मंत्री और डॉ लोहिया-कर्पूरी विचार मंच के अध्यक्ष रामचंद्र केशरी ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जैसे महान नेता का जयंती समारोह सरकारी स्तर पर आयोजित नहीं किया जाना दुखद है. पूर्व मंत्री ने कहा कि राज्य में कर्पूरी जयंती के दिन 24 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश भी सरकार को घोषित करना चाहिए.

सरकारी दस्तावेजों में क्यों नहीं हो रहा है कर्पूरी चौक का नाम

कर्पूरी जयंती दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि रांची के कर्पूरी ठाकुर चौक को अब जानबूझकर हिनू चौक के रूप में हर जगह इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि 'जननायक' की स्मृति को कम किया जा सके. वक्ताओं ने कहा कि यह दुखद है कि अब सरकारी दस्तावेजों में भी कर्पूरी चौक की जगह हीनू चौक शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है जो ठीक नहीं है.

गरीबों के बीच कंबल वितरण

कर्पूरी ठाकुर जयंती कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने जननायक की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने शोषित-वंचितों को आगे बढ़ाने के लिए अविस्मरणीय योगदान दिया है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है.

वक्ताओं ने कहा कि यह कर्पूरी ठाकुर की ही सोच थी कि पिछड़ों में आरक्षण का लाभ उन लोगों को मिले जो ज्यादा पिछड़े हुए हैं, इसके लिए उन्होंने आरक्षण का कर्पूरी फार्मूले को लागू किया.

सर्वहारा और गांव-गरीब के बच्चे सिर्फ अंग्रेजी की वजह से उच्च शिक्षा पाने से वंचित नहीं हो, इसके लिए उन्होंने बोर्ड परीक्षा में अंग्रेजी में पास होने की अनिवार्यता खत्म की.

बिहार के समस्तीपुर जिले के एक गांव में हुआ था कर्पूरी ठाकुर का जन्म

24 जनवरी 1924 को बिहार के समस्तीपुर जिले के पितौंझिया गांव के एक बेहद निर्धन नाई परिवार में जन्म लेने वाले कर्पूरी ठाकुर बिहार के दो बार मुख्यमंत्री भी रहें. उनकी 100 वीं जयंती पर 24 जनवरी 2024 को मनाई गई. उन्हें भारत रत्न भी दिया गया था.

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