कोटाःहाड़ौती के दोनों टाइगर रिजर्व मुकुंदरा हिल्स और रामगढ़ विषधारी में बाघ व बाघिन की नस्ल सुधार और संख्या बढ़ाने के लिए दूसरे राज्यों से टागइर लाने की योजना है. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी की टेक्निकल कमेटी ने बाघों के शिफ्टिंग पर सहमति दे दी है, लेकिन अभी यह तय नहीं हो पा रहा कि यह योजना धरातल पर कब उतरेगी.
दरअसल, यह सारी कवायद टाइगर की नस्ल सुधार के लिए की जा रही है. फिलहाल कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में एक बाघ- बाघिन का जोड़ा और एक सब एडल्ट फीमेल शावक है, जबकि रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में छह बाघ बाघिन है. इनमें इनमें से तीन मेच्योर और तीन सब एडल्ट हैं. तीन मेच्योर बाघों में दो मेल और एक फीमेल है. जबकि सब एडल्ट में दो बाघिन और एक बाघ है. वहीं एक बाघिन एक शावक के साथ बीते दिनों कैमरा ट्रेप में आई थी. उसके साथ अन्य शावक भी हो सकते हैं.
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पांच बाघ लाने हैंः रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के उपवन संरक्षक संजीव शर्मा का कहना है कि मध्य प्रदेश से उनके रिजर्व में दो बाघिन को लाने की योजना है, वही मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में दो बाघिन और एक बाघ को लाना है. ऐसे में दोनों रिजर्व में मिलाकर पांच बाघ बाघिन को लेकर आना है. फिलहाल दोनों रिजर्व में 8 बाघ और कुछ शावक है.
पहले महाराष्ट्र और अब मध्य प्रदेश की बातःपहले हाड़ौती के दोनों टाइगर रिजर्व में महाराष्ट्र से बाघिन लाने की बात चल रही थी. राजस्थान के वन मंत्री संजय शर्मा ने कोटा में यह बात कही थी, लेकिन अब प्लान को बदलते हुए मध्य प्रदेश से बाघ बाघिन लाने की तैयारी की जा रही है, ताकि कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व और बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के टाइगर की नस्ल में बदलाव किया जा सके. इस संबंध में वन्य जीव विभाग के अधिकारी एनटीसीए की अनुमति की बात कह रहे हैं.
आएगा जेनेटिक वेरियंटःडीसीएफ संजीव शर्मा का कहना है कि मध्य प्रदेश से बाघ और बाघिन के आने से जेनेटिक वेरिएशन आएगा. यह आगामी नस्लों में काफी फायदा करेगा. फिलहाल, हाड़ौती में बाघ, बाघिन व शावक रणथंभौर या सरिस्का की ही संतान है. दूसरे राज्य से टाइगर आने से इनब्रीडिंग होगी. इनकी संतानों के जीन बदल जाएंगे. इससे नस्ल में काफी सुधार भी होगा. बाघ चुस्त दुरुस्त रहेंगे.
एनटीसीए से अनुमति मिलीः राजस्थान के चीफ वाइल्ड लाइफ वॉर्डन पवन कुमार उपाध्याय ने बताया कि मध्य प्रदेश से बाघ और बाघिन को लाने के लिए नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी से अनुमति मिल गई है. इसके लिए अब रिजर्व प्रशासन से लेकर उच्च स्तर तक पर प्रक्रियाएं चल रही है. बाघिन और बाघ को कब लाया जाएगा, यह कह पाना संभव नहीं है. हाल ही में सरिस्का से हरियाणा की तरफ मूवमेंट कर गए बाघ को रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया है. इसी तरह से रणथंभौर की मृत बाघिन टी - 114 के एक-एक शावक को रामगढ़ और मुकुंदरा में रीवाइल्ड करके छोड़ा गया. अब आगे की प्रक्रिया पर काम जारी है.
मुकुंदरा में टाइगर आएंगे तो बढ़ेगा पर्यटनः होटल फेडरेशन ऑफ राजस्थान के कोटा डिवीजन अध्यक्ष अशोक माहेश्वरी ने बताया कि उनका प्रतिनिधि मंडल मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए उपवन संरक्षक मुथु एस से मिला है. साथ ही उन्होंने मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में सफारी शुरू करने की मांग की है. इसके लिए रथकांकरा एरिया से भी जंगल सफारी का रूट तय करने के लिए कहा गया है. ऐसा होने पर कोटा में पर्यटन बढ़ जाएगा. फिलहाल यहां पर आ रहे पर्यटक मुकुंदरा में नहीं जा रहे हैं.