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प्रेगनेंसी में थायराइड कितना है खतरनाक ? गर्भ में शिशु को कैसे कर सकता है प्रभावित, जानिए - thyroid during pregnancy

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 11, 2024, 5:16 PM IST

Thyroid During Pregnancy गर्भावस्था में थायराइड हार्मोन कम या ज्यादा होने पर गर्भ में पल रहे शिशु और गर्भवती महिला पर इसका किस तरह का प्रभाव पड़ सकता है. गर्भस्थ शिशु या फिर गर्भवती महिला को किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे ही सवालों के जवाब जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सावेरी सक्सेना से खास बातचीत की है. आइए जानें डॉक्टर ने प्रेगनेंसी में थायराइड को लेकर क्या सलाह दी है. Pregnancy Health Tips

THYROID DURING PREGNANCY
प्रेगनेंसी में थायराइड (ETV Bharat)

प्रेगनेंसी में थायराइड को लेकर बरतें सावधानी (ETV Bharat)

रायपुर : मानव शरीर में थायराइड एक ग्रंथि होती है, जो कि हमारे गले में तितली के आकार की होती है. यह एक हार्मोन रिलीज करती है, जिसका नाम थायराक्सिन है. यह हार्मोन अगर ज्यादा निकलता है, तो इसे हाइपर थाइरॉईजिटम कहा जाता है और यदि इस ग्रंथि से हार्मोन कम निकलता है, तो उसे हाइपो थाइरॉईजिटम कहा जाता है. गर्भावस्था में थायराइड का सही होना क्यों जरूरी है और थायराइड हार्मोन की जांच कब और क्यों कराना चाहिए, इस बारे में डॉक्टर सावेरी सक्सेना ने बेहद अहम जानकारी साझा की है.

गर्भ में शिशु मां के थायराइड हार्मोन पर रहता है निर्भर : स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सावेरी सक्सेना ने बताया, "हाइपो थाइरॉईजिटम एक सामान्य और नॉर्मल चीज है, जो कि भारत के उत्तरी क्षेत्र के लोगों में अधिक होती है. गर्भावस्था के दौरान और गर्भावस्था के पहले महिला के शरीर में थायराइड हार्मोन की मात्रा सही होना बहुत जरूरी है. गर्भावस्था के दौरान गर्भस्थ शिशु थायराइड हार्मोन के लिए पूरी तरह से मां पर निर्भर रहता है. क्योंकि इस दौरान गर्भस्थ शिशु की थायराइड ग्रंथि नहीं बनी होती है."

"गर्भस्थ शिशु के गले में थायराइड ग्रंथि पहले 3 महीने में बनती है. बावजूद इसके थायराइड हार्मोन का रिसाव गर्भ के पांचवे महीने के बाद शुरू होता है. ऐसे में गर्भ में पल रहा शिशु 5 महीने तक मां के थायराइड हार्मोन पर निर्भर रहता है. इसलिए गर्भवती महिला के थायराइड हार्मोन का लेवल सही होना बहुत जरूरी और अत्यंत आवश्यक है." - डॉ सावेरी सक्सेना, स्त्री रोग विशेषज्ञ

मानसिक रूप से कमजोर बना सकती है थायराइड की कमी : स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सावेरी सक्सेना ने बताया, "जो गर्भवती महिला पहले से ही थायराइड हार्मोन की कमी से जूझ रहे हैं, उनकी थायराइड की कोई टेबलेट चल रही होती है, वह डोज भी बढ़ जाती है. गर्भस्थ शिशु की वजह से गर्भवती महिला की जरूरत भी बढ़ जाती है. ऐसे में महिलाओं को चाहिए कि गर्भ धारण करने के पहले ही थायराइड हार्मोन की जांच जरूर करानी चाहिए. ऐसा करने से गर्भधारण करते समय किसी तरह की कोई समस्या नहीं होगी."

"गर्भावस्था में शिशु का मानसिक या दिमागी डेवलपमेंट थायराइड पर निर्भर करता है. थायराइड की कमी होने पर कभी-कभी बच्चे मानसिक रूप से कमजोर हो सकते हैं. इसके साथ ही मां को थकान होना, वजन बढ़ाना, कब्जियत होना, ठंड ज्यादा होने जैसे लक्षण दिखाई पड़ सकते हैं." - डॉ सावेरी सक्सेना, स्त्री रोग विशेषज्ञ

एक्सपेरिमेंट न करें, डॉक्टर की सलाह मानें : ऐसे में डॉक्टर जब-जब थायराइड हार्मोन की जांच के लिए सलाह देते हैं, उस समय जांच जरूर कराना चाहिए. गर्भावस्था के दौरान थायराइड हार्मोन का लेवल बिल्कुल अलग अलग रहता है. ऐसे समय में मरीज या मरीज के परिजन को एक्सपेरिमेंट करने के बजाय डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए.

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