छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

कोरबा में जमीन के टुकड़े के लिए तीन समाज आमने सामने, सीमांकन के लिए पहुंचे प्रशासन को लौटना पड़ा वापस - Korba Mennonite Church

Land Dispute In Korba कोरबा में जमीन पर तीन समाज के लोग दांवे कर रहे हैं. प्रशासन अब इस मामले को सुलझाने में लगा है.

Korba Mennonite Church
कोरबा में जमीन का विवाद

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 7, 2024, 1:53 PM IST

Updated : Mar 8, 2024, 10:21 AM IST

कोरबा में जमीन का विवाद

कोरबा:शहर के राताखार स्थित मेनोनाइट चर्च के पीछे की खाली जमीन की पोजीशन को लेकर तीन समाज आमने-सामने आ गए हैं. मसीही समाज का कहना है कि अंग्रेजों के जमाने से यह भूमि हमारे पूर्वजों की है. जिसे गलत तरीके से 2 अन्य समाज को आवंटित किया गया है जबकि सिंधी और अग्रवाल समाज के लोग शासन की तरफ से नियमों के तहत आवंटित करने का दावा कर रहे हैं.

जमीन को लेकर हो रहे विवाद को खत्म करने प्रशासन और पुलिस और तीनों समाज के लोग मौके पर पहुंचे. इस दौरान तीनों समाज के लोगों में काफी बहस हुई. जमीन का सीमांकन तो नहीं हो सका, बल्कि प्रशासन ने वहां मौजदू समाज के लोगों के बीच हुए विवाद को शांत कराया और सीमांकन के लिए एक हफ्ते बाद 14 मार्च का दिन तय किया गया.

पूर्वजों की जमीन का गलत आवंटन :मेनोनाइट चर्च और मसीही समाज के अध्यक्ष अटल बाघ ने अग्रवाल और सिंधी समाज के लोगों पर कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से जमीन का आवंटन शासन से करवाने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि समाज के हमारे प्रमुख पदाधिकारी फिलहाल बाहर हैं. जिनके पास दस्तावेज हैं. वह फिलहाल बाहर है. जिन्हें नोटिस की तमिली भी नहीं कराई गई है. इसलिए हम आज सीमांकन का विरोध करने यहां पहुंचे हैं.

दो अलग अलग समाजों को इस जमीन का कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से आवंटन कर दिया गया. जिसके विरोध में यहां इकट्ठे हुए हैं. - अटल बाघ, अध्यक्ष, मेनोनाईट संस्था व मसीही

नियमों का पालन करते हुए कराई जमीन की रजिस्ट्री : इधर मसीही समाज के लोगों के आरोपों को दोनों समाज के लोगों ने निराधार बताया है.अग्रवाल समाज के अध्यक्ष श्रीकांत बुधिया ने बताया कि कुल साढ़े 17 एकड़ जमीन है. जिसमें से साढ़े 3 एकड़ जमीन अग्रवाल समाज को और एक एकड़ 55 डिसमिल जमीन सिंधी समाज को शासन की तरफ से दी गई है. जमीन आवंटन के दौरान नियमों का पूरी तरह पालन किया गया है.

सरकारी शुल्क जमाकर जमीन की रजिस्ट्री करवाई है. हमने शासन से अनुरोध किया कि जमीन का सीमांकन करके विकास कार्य के लिए हमें जमीन की पजेशन दी जाए. इसके लिए हम यहां सीमांकन करने पहुंचे हैं. हमारा अनुरोध है कि जांच पड़ताल कर सीमांकन करते हुए हमें आवंटित भूमि का पजेशन दिया जाए. - श्रीकांत बुधिया, अध्यक्ष, अग्रवाल समाज

दस्तावेजों में जमीन का आवंटन, विरोध के कारण अब एक हफ्ते बाद सीमांकन :जमीन के आवंटन के विरोध के दौरान कोरबा तहसीलदार राहुल पांडे भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने बताया कि यहां कुल लगभग 17 एकड़ भूमि है. जिसमें से 5 एकड़ जमीन सिंधी समाज और अग्रवाल समाज को शासन की तरफ से आवंटित की गई है. जमीन के सीमांकन के दौरान मसीही समाज के लोग विरोध कर रहे हैं.

भूमि मसीही समाज की है. लेकिन उन्होंने कोई दस्तावेज नहीं दिखाया है. विरोध के कारण हमने सीमांकन नहीं किया है. सीमांकन की अगली तारीख 14 मार्च तय की है. नियमों के अनुसार कार्रवाई करेंगे.- राहुल पांडे, तहसीलदार

सिंधी और अग्रवाल समाज के लोग जमीन की रजिस्ट्री नियमों के तहत होने का हवाला दे रहे हैं. मसीही समाज के लोग साढ़े 17 एकड़ जमीन अंग्रेजों के समय जमीन उनके पूर्वजों को देने का दावा कर रहे हैं. 14 मार्च को अब देखना होगा कि मामले में क्या कार्रवाई होती है.

6 महीने पहले दिया था आवेदन, अब तक नहीं मिला जाति प्रमाण पत्र
पंडरिया में कांग्रेस ने गृहमंत्री पर लगाया अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप, दी बड़ी चेतावनी
महंगाई के खिलाफ बस्तर में कांग्रेस का हल्लाबोल,लोकसभा चुनाव में मोदी की गारंटी फेल होने का किया दावा



Last Updated : Mar 8, 2024, 10:21 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details