रांचीः झारखंड सचिवालय में खाली पड़ी कुर्सी और टेबल पर लगी फाइलों का अंबार बताने के लिए काफी है कि सरकार के सर्वोच्च कार्यालय में मंगलवार का दिन कैसा रहा. दरअसल झारखंड सचिवालय सेवा संघ के द्वारा 10 सितंबर से शुरू की गई कलमबंद हड़ताल ने सचिवालय के फाइलों के मूवमेंट पर ब्रेक लगा दिया है. आम तौर पर हर विभाग से प्रतिदिन विभागीय सचिव तक 100 फाइलें जाती हैं इस तरह से आप समझ सकते हैं कि आनेवाले तीन दिनों में हड़ताल का क्या असर पड़ेगा.
हड़ताल के पहले दिन से ही विभाग में कुर्सियां खाली रहने लगी और फाइल टेबल पर पड़े रहे. इधर सरकार से अपनी मांग मंगवाने के लिए कलमबंद हड़ताल पर गए सचिवालयकर्मियों ने धमकी देते हुए कहा है कि यदि मांगें नहीं मानी जाती हैं तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को विवश हो जाएंगे. झारखंड सचिवालय सेवा संघ के अध्यक्ष ध्रुव प्रसाद ने कार्मिक सचिव के रुख से नाराजगी जताते हुए कहा कि हमारी मांगों पर सकारात्मक बातचीत नहीं की जा रही है.
सचिवालयकर्मियों की ये है मांग
- संयुक्त सचिव /उपसचिव के अतिरिक्त प्रस्तावित पदों का सृजन किया जाए
- कार्मिक विभाग के संकल्प संख्या 3286 को लागू किया जाए
- ससमय प्रोन्नति प्रदान किया जाए
- सभी रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति की जाए
- सचिवालय को अनुबंध/आउटसोर्स पर देना बंद किया जाए.
- सहायक प्रशाखा पदाधिकारी से लेकर संयुक्त सचिव तक हड़ताल पर
राज्य सरकार के नेपाल हाउस और प्रोजेक्ट भवन स्थित सचिवालय में हड़ताल के कारण पूरी तरह कामकाज ठप रहा. सहायक प्रशाखा पदाधिकारी से लेकर संयुक्त सचिव तक हड़ताल पर रहे. इनकी संख्या वर्तमान में 900 के करीब है. इनकी यह कलमबंद हड़ताल 12 सितंबर तक चलेगी. इसके बाद आगे आंदोलन की रुपरेखा तय की जायेगी. संघ के अध्यक्ष ध्रुव प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदित उपसचिव और संयुक्त सचिव के पद को अभी तक नहीं दिया गया है.