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ऐतिहासक है बाबा बागनाथ की होली, 100 गांव होते हैं जमा, हजारों होल्यारों करते हैं सामूहिक गायन - Bagnath Historical Holi

Holi in Baba Bagnath Temple, Baba Bagnath Temple, Historical Holi of Bagnath बाबा बागनाथ मंदिर में होली की धूम है. आज बड़ी संख्या में होल्यार बाबा बागनाथ मंदिर में जमा हुये. इसके बाद सामूहिक होली गायन किया गया.

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ऐतिहासक है बाबा बागनाथ की होली

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 24, 2024, 5:29 PM IST

Updated : Mar 24, 2024, 7:37 PM IST

ऐतिहासक है बाबा बागनाथ की होली

बागेश्वर: कुमाउं में राग, फाग और रंग के पर्व होली की मस्ती अब परवान चढ़ने लगी है. ग्रामीण अंचल में होली मनाने के लिए प्रवासी भी अपने घरों तक पहुंचे हैं. होली की चतुर्दशी के दिन पौराणिक बागनाथ मंदिर में धुराफाट, जोलकांडे, खोली, बहुली, दयांगद,बमराड़ी, बिलौना, आरे, खरई पट्टी समेत दर्जनों गांवों के होल्यारों ने माथा टेक शिव की अराधना कर होली गायन किया.

बागेश्वर जिले के पौराणिक बागनाथ मंदिर में सामूहिक होली गायन की परंपरा वर्षों से चली आ रही है. चतुर्दशी के दिन होल्यार बागनाथ मंदिर के प्रांगण में एकत्र होते हैं. सभी गांवों की होलियों के आने पर मंदिर के प्रागण में होली गायन किया जाता है. आज चतुर्दशी के दिन होल्यारों ने बाबा बागनाथ को अबीर-गुलाल चढ़ाकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगा. गांवों के ढोलक एक थाप पर बजने लगे तो समूचा शहर गूंजने लगा. होल्यारों ने हां जी शंभो तुम क्यों न खेले होरी लला, ब्रह्मा जी खेले, विष्णु जी खेले, तुम क्यों न खेले होरी लला.. का गायन किया.

नगर के चौक बाजार पर विभिन्न गांवों से आई होलियां एकजुट हुई. वहां से होल्यार गाते-बजाते हुए बागनाथ मंदिर पहुंचे. इस दौरान पूरा चौक बाजार सफेद परिधानों में सजे होल्यारों से भर गया. होली के रंग में रंगे होल्यार गांवों में आंगन-आंगन जाकर ढोल की थाप, मंजीरे की झनकार के बीच होली गीतों का गायन कर रहे हैं. होली का यह खुमार 26 मार्च छरड़ी तक जारी रहेगा.

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Last Updated : Mar 24, 2024, 7:37 PM IST

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