लखनऊ :उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा के लिए गृह विभाग करीब 27 करोड़ रुपये खर्च करने जा रहा है. इन रुपयों से मुख्यमंत्री को किसी भी केमिकल और रेडिएशन हमले से बचाने के लिए डिटेक्टर की खरीद की जाएगी. इसके अलावा अन्य उपकरणों की भी खरीद होगी. जिसे लेकर शासनादेश भी जारी कर दिया गया है.
केमिकल और रेडिएशन डिटेक्टर खासियत:गृह विभाग द्वारा जारी शासनादेश के मुताबिक, 15 करोड़ 75 लाख 69 हजार रुपये से चार तरह के अलग-अलग उपकरण ख़रीदे जाएंगे. इसमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण केमिकल और रेडिएशन डिटेक्टर उपकरण है. 1.20 करोड़ की लागत से 4 यूनिट खरीदी जाएगी. यह किसी भी आपत्तिजनक केमिकल या रेडिएशन को डिटेक्ट कर सकेगा. इसके अलावा 5 एंट्री एग्जिट आइडेंटी डिटेक्शन सिस्टम खरीदा जाएगा. यह मुख्यमंत्री आवास और गोरखनाथ मंदिर में लगाया जाएगा. यह आर्टिफीशिएल इंटेलीजेंस टेक्नोलॉजी पर काम करता है, जो मुख्यमंत्री आवास आने वाले हर एक व्यक्ति की सभी जानकारी अपने सिस्टम में रखेगा. इसकी खरीद में करीब 7 करोड़ रुपये आएगा. वहीं, करीब 7 करोड़ की लागत से पांच सिक्योर मीटिंग गार्ड स्कैनर और करीब 21 लाख कीमत के पांच स्मोक सिस्टम ख़रीदे जाएंगे.
400 हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर :इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा को देखते हुए साढ़े ग्यारह करोड़ की लागत से चार अन्य उपकरणों को ख़रीदा जाएगा. इसमें 400 हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर (HHMD ), 400 डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर और 400 ही पोर्टबेल डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर ख़रीदे जाएंगे.
क्यों पड़ रही जरूरत : 2017 में बीजेपी की सरकार बनी और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री. उसके बाद से ही राज्य में आतंकवादी संगठन ने यूपी में अपनी सक्रियता बढ़ा दी थी. नतीजन यूपी एटीएस ने आतंकियों और स्लीपर मॉड्यूल्स की धड़पकड़ के लिए अपनी कार्रवाई तेज कर दी. वर्ष 2023 तक यूपी के अलग-अलग जिलों से आतंकी संगठनों के 28 स्लीपर मॉड्यूल्स और सौ से अधिक देश विरोधी संगठनों के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद से ही आतंकी संगठन सीएम योगी आदित्यनाथ को अपने निशाने पर लिए हुए हैं. इनसे मोर्चा लेने के लिए यूपी की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं. यही वजह है कि करोड़ों की लागत के हाईटेक उपकरणों की खरीद की जा रही है.
हाल ही में खरीदे गए सुरक्षा उपकरण और उनकी खासियत: