पटना: बिहार के पटना में एक ऐसा मंदिर है जहां हर गुरुवार को बोतलों की लंबी-लंबी लाइन लगती है. उस पानी को पाने के लिए यहां लोग दूर-दूर से आते हैं. मान्यता है कि पानी चमत्कारी है और वह भूतप्रेत-बाधा, रूहानी ताकतों से छुटकारा और शारीरिक कष्टों से मुक्ति दिलाता है.
त्रिपिंडी माई का चमत्कारी मंदिर : ये मंदिर पटना जिला के मसौढ़ी स्थित शाहाबाद का है, जहां तीन पिंडियों वाली देवी माई का मंदिर है. यहां दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. मंदिर के बारे में बताया जा रहा है कि यह सैकड़ों साल पुराना है. मान्यता है कि यहां पर श्रद्धालु अपने शारीरिक कष्टों का निवारण करने के लिए आते हैं. खास बात ये है कि इस मंदिर में रखे पानी को लोग दवा से कम नहीं मानते.
तीन पिंडियों वाला मंदिर का महात्म्य: यह मंदिर भगवान भोलेनाथ के चरणपादुका और देवी माई की तीन पिंडियों के लिए प्रसिद्ध है. श्रद्धालु यहां आकर अपने बोतल में पानी भरकर मंदिर में रखते हैं, जहां यह पानी रातभर रखे जाने के बाद अगले दिन दवा के रूप में बदल जाता है. श्रद्धालु उस पानी का इस्तेमाल पीने के लिए, नजर, भूत उतारने के लिए करते हैं.
'पानी बन जाता है दवा' : इस पानी को लोग अपने घर ले जाकर पीते हैं और इसका सेवन शारीरिक कष्टों, बुरी नजर या किसी अन्य बीमारी को ठीक करने के लिए करते हैं. इसे एक प्रकार की आस्था माना जाता है, जो लंबे समय से चली आ रही है.
''मान्यता है कि ब्रह्म स्थान पर रखा पानी उनकी सेहत ठीक रखता है. उनकी समस्याओं को दूर करता है. जो पीड़ित है उनको लगता है कि वो पानी पीने से ही स्वस्थ्य हो जा रहे हैं.''-स्थानीय निवासी
हर गुरुवार को लगती है बोतलों की लाइन : श्रद्धालुओं का मानना है कि ''देवी माई की कृपा से यह पानी दवा बन जाता है और उनकी बीमारियां दूर हो जाती हैं. यहां हर गुरुवार को लोग पानी से भरी बोतल लेकर आते हैं और मंदिर में रखकर अगले दिन उसे ले जाते हैं. यह प्रथा सैकड़ों सालों से चली आ रही है. श्रद्धालु इसका पालन करते हुए अपने कष्टों का समाधान पाते हैं.''