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इतने सालों से आधे पेट के साथ जिंदा है ये लड़की, गलती से पी लिया था 'तेजाब' - STORY OF ANKITA VERMA

अनजाने में हुई गलतियां जिंदगी भर का नासूर बन जाती हैं. सालों पहले अनजाने में हुई गलती अंकिता के लिए एक हादसा बन गई.

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अंकिता वर्मा (Etv Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 23, 2025, 8:16 PM IST

शिमला: उस बोतल से कुछ घूंट अंदर लेने के बाद मेरे पेट में भारी जलन होना शुरू हो गई. ऐसा लग रहा था मेरा पेट जल रहा है. कुछ मिनटों में खून की उल्टियां होना शुरू हो गई थी. आईजीएमसी पहुंचते पहुंचते मैं बेहोश हो गई थी. बस कुछ ही मिनटों में मेरी जिंदगी हमेशा के लिए बदल चुकी थी. ये कहानी है शिमला के ठियोग की रहने वाली अंकिता की, जिन्होंने गलती से गाड़ी में रखा बैटरी वाटर गलती से पानी समझ कर पी लिया था.

अंकिता वर्मा हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई कर रहीं थी. 6 दिसंबर 2018 को उनका प्रैक्टिक्ल था. अंकिता उस दिन को याद करती हुई बताती हैं कि उस दिन सुबह मैं भूखे पेट ही घर से निकल गई थी. प्रैक्टिक्ल के बीच में मुझे प्यास लग रही थी. प्रैक्टिकल से बाहर निकलने के बाद मैं बस स्टॉप पर पहुंची इतने में मेरे गांव के परिचित जो रिश्ते में मेरे भाई थे मुझे मिल गए और मैं उनकी गाड़ी में बैठ गई.

अंकिता वर्मा के साथ ईटीवी भारत की बातचीत (ETV BHARAT)

गाड़ी में गलती से पी लिया बैटरी वाटर

अंकिता बताती हैं कि,'गाड़ी में बैठने से पहले ही मुझे जोर से प्यास लगी थी. गाड़ी में एक साथ तीन बोतल रखी थीं. दो बोतल में पानी था और एक में बैटरी बॉटल था. मैंने गलती से बैटरी वाटर को पानी समझ कर पी लिया, क्योंकि ये एकदम पानी जैसा ही था. एक दो घूंट लेने के बाद मुझे जलन होना शुरू हुई. गाड़ी में ही बैठे-बैठे मैंने अपने दोस्त से पीने का पानी मांगा. इतने में मुझे बेहोशी छाने लगी थी और मुझे खून की उल्टियां होने लगी. इसी बीच मेरे दोस्त मुझे आईजीएमसी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे.

अंकिता वर्मा (ETV BHARAT)

बैटरी वाटर पीने के बाद जल चुका था पेट

अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में अंकिता ने एक समझदारी भरा काम ये किया कि बैटरी वाटर पीने के बाद उन्होंने पानी पी लिया था. इससे वैटरी वाटर का असर कम हो गया और उनकी फूड पाइप को नुकसान नहीं हुआ, लेकिन उनका पेट अंदर से जल चुका था. अंकिता ने बताया कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही मैं बेहोश हो गई थी. मेरे कपड़े जल चुके थे. अंकिता ने बताया कि बैटरी वाटर में न कोई बदबू थी और न ही उसका कोई रंग था, यानि कि बैटरी वाटर देखने-सूंघने और स्वाद में पानी जैसा ही था, जिसे मैंने पानी समझकर पी लिया था और इसे पीने के कुछ सेकेंड बाद मुझे ये अंदाजा हुआ कि ये पानी नहीं कुछ और था.

अंकिता वर्मा (ETV BHARAT)

चंडीगढ़ में हुई बाईपास सर्जरी

अंकिता आगे बताती हैं कि, 'अस्पताल जाते जाते मुझे ऐसा लग रहा था कि अब मैं नहीं बच पाऊंगी. IGMC में डॉक्टरों ने मेरे केस को हल्के में लिया, डॉक्टर इसे बस सामान्य घटना ही समझ रहे थे. दो बार मेरी एंडोस्कोपी की गई. मैं करीब एक महीने तक आईजीएमसी में एडमिट रही और इस दौरान मैं सिर्फ ग्लूकोज पर ही जिंदा रही. उसके बाद मेरे परिजनों ने मुझे डिस्चार्ज करवा लिया, क्योंकि मुझे आराम नहीं मिल रहा था.'

कई दिन तक अस्पताल में रहना पड़ा भर्ती (ETV BHARAT)

अंकिता वर्मा बताती हैं कि, 'आईजीएमसी से लौटने के बाद मैं एक दिन घर पर पूरी तरह से बेहोशी की हालत में चली गई थी. मेरे पापा ने मुझे अपने मुंह से सांस दी. बर्फ के बीच ठियोग से मुझे दोबारा आईजीएमसी पहुंचाया गया. आईजीएमसी से मुझे मेरे माता-पिता PGI चंडीगढ़ लेकर आए. PGI जाते-जाते भी गाड़ी में खून की उल्टियां होने लगीं. मैं चंडीगढ़ तक पहुंचते ही जिंदगी हार चुकी थी. चंडीगढ़ में मुझे डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए कहा था. मैं ऑपरेशन नहीं करवाना चाहती थी, लेकिन में अपने पेरेंटस के लिए ठीक होना चाहती थी. ऑपरेशन के बाद मुझे सर्जन ने बताया कि मेरा साठ प्रतिशत पेट निकाल दिया गया है. मेरी बाईपास सर्जरी की गई थी. मेरे पेट से 14 सेंटीमीटर आंत निकाल दी गई थी.'

पिता के साथ अंकिता वर्मा (ETV BHARAT)

ऑपरेशन के बाद सामने आई ये चुनौतियां

अंकिता ने बताया कि,'ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने मुझे खाने पीने का ध्यान रखने के लिए कहा था. तला हुआ भोजन, पैकेड जूस और फूड खाने से परहेज करने के लिए कहा था. ऑपरेशन के बाद खाने से सिर्फ मेरा पेट भरता है, उससे कोई एनर्जी नहीं मिलती है. मुझे हर महीने में विटामिन और हर तीन चार महीनों में आयरन के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं. वैटरी वाटर पीने के बाद मेरे दांत पीले पड़ गए थे, जीभ पूरी तरह से जल गई थी. मेरा वजन घटकर 38 किलो पहुंच गया था. मेरे लिए ये बेहद तकलीफ देने वाला समय था. आज भी मैं ज्यादा ट्रैवल नहीं कर पाती. सिर में दर्द बना रहता है और कमजोरी महसूस होती है. आज भी जिंदगी आसान नहीं है.'

ऑपरेशन के बाद दो विषयों में की मास्टर डिग्री

अंकिता वर्मा अपनी तकलीफों को भूल कर आज समाज सेवा से जुड़ी हैं. दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में एक संस्था है उसी के साथ अंकिता काम कर रही हैं. ये संस्था अस्पताल में कैंसर के मरीजों और तीमारदारों के लिए निशुल्क भोजन की व्यवस्था करती है. मरीजों को देखकर अंकिता खुद को याद करती हुई कहती हैं कि न हारना जरूरी है, न जीतना जरूरी है, ये जीवन खेल है, इसे खेलना जरूरी है. ऑपरेशन के बाद अंकिता ने दो मास्टर्स डिग्रियां भी हासिल की हैं.

स्टमक और आंत पर होता है असर (ETV BHARAT)

इन हिस्सों पर प्रभावित करता है बैटरी वाटर

अंकिता वर्मा की कहानी सुनने के बाद हमने डॉक्टर से भी बातचीत की. अटल सुपर स्पेशलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान चमियाना में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विशेषज्ञ डॉ ब्रिज शर्मा ने बताया कि, 'बैटरी वाटर एक तरह का एसिड होता है. इसका पानी की तरह ही रंग होता है. कई लोग धोखे से पानी की जगह बैटरी वाटर पी लेते है. इसको पीने से हमारी फूड पाइप जो 40 सेंटीमीटर होती है इसमें जख्म हो जाते हैं. स्टमक और आंत में भी इसका असर होता है. हमारे शरीर का स्टमक 20 से 25 सेंटीमीटर होता है. आंत की अगर बात की जाए तो हमारी छोटी आंत चार से छह मीटर होती है और बड़ी आंत डेढ़ मीटर होती है. इस तरह हमारी आंत 6 से 7 मीटर होती है. एसिड पीने से 50 से 60 सेंटीमीटर तक घाव आंत में होता है. अगर किसी केस में किसी बच्ची का 60% आंत निकाल दी गई है इसपर तो मैं कोई प्रतिक्रिया नहीं दे पाऊंगा, लेकिन कई दफा ऐसे मामले में छोटी आंत को सीधा फूड पाइप के साथ जोड़ दिया जाता है. इस तरह से जो आंत जल गई है उसे निकाल दिया जाता है. ऐसे में आयरन, विटामिन इंजेक्शन शरीर को भोजन से नहीं मिल पाता और उसे इंजेक्शन के जरिए देना पड़ता है.'

एक्सपर्ट की राय (ETV BHARAT)

स्थिति गंभीर होने पर की जाती है सर्जरी

डॉ. ब्रिज शर्मा ने बताया कि वैटरी वाटर पी लेने के बाद हमारी फूड पाइप जल जाती है. ऐसे मामले में 72 घंटे के अंदर अंदर एंडोस्कोपी करनी पड़ती है, अगर नुकसान कम है तो उसे तरल आहार लेने को कहा जाता है. ज्यादा जख्म होने पर नाक से एक ट्यूब डाली जाती है, इससे मरीज को को खाना या तरल आहार दिया जाता है, ताकि शरीर में न्यूट्रिशन बने रहें. सर्जरी तब की जाती है जब केस बहुत ज्यादा गंभीर होता है.

पाचन तंत्र (ETV BHARAT)

आईजीएमसी में हर साल आते हैं 30 से 40 केस

डॉ. ब्रिज शर्मा ने बताया कि हर साल करीब 30 से 40 केस बैटरी वाटर के IGMC में आते है. अगर गलती से किसी ने बैटरी वाटर पी लिया तो उसे उल्टियां नहीं करनी है, इससे हमारी आंत फट सकती है. तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए, अगर आंत फट जाती है तो ऑपरेशन की स्थिति आती है.

उल्टी करने पर फट सकती है आंत (ETV BHARAT)

सर्जरी के बाद क्या होता है?

सर्जरी के बाद, आपके खाने और पचाने का तरीका बदल जाएगा. डॉ ब्रिज शर्मा ने बताया कि, 'सर्जरी के बाद पहले कुछ महीनों में तेजी से वजन न घटे इसके लिए अधिक से अधिक कैलरी का सेवन करना और शरीर को उपचार प्रक्रिया में सहायता के लिए आवश्यक पोषक तत्व लेना महत्वपूर्ण है. आपको कम मात्रा में भोजन अधिक बार लेने की आवश्यकता होगी. दिन में छह से आठ बार थोड़ा थोड़ा भोजन करना चाहिए.'

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