उत्तरकाशी:चारधाम यात्रा के वर्तमान सत्र के अंतिम दौर में सर्दियों की आहट के बावजूद गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन हो रहा है. इस यात्रा काल में 27 अक्टूबर की शाम तक दोनों धामों में पहुंचने वाले यात्रियों का आंकड़ा पंद्रह लाख को पार कर गया है. अभी तक यमुनोत्री धााम में सात लाख से अधिक और गंगोत्री धाम में आठ लाख से अधिक श्रद्धालुओं का पदार्पण हो चुका है. यात्रा सुचारू व सुव्यवस्थित रूप से संचालित हो रही है.
10 मई को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का आगाज हुआ था. चारधाम यात्रा का वर्तमान सत्र अब अपने अंतिम चरण में है. शीतकाल के आगमन पर परंपरानुसार गंगोत्री मंदिर के कपाट आगामी 2 नवंबर को अन्नकूट पर्व पर बंद होंगे. यमुनोत्री मंदिर के कपाट भी आगामी 3 नवंबर को भैयादूज के पर्व पर बंद कर दिए जाएंगे.
शीतकाल में यहां करें दर्शन: शीतकाल में मां गंगा की उत्सव मूर्ति मुखवा गांव और मां यमुना की उत्सव मूर्ति खरसाली गांव में विराजमान रहेंगी. जहां पर शीतकाल के दौरान श्रद्धालुजन पूजा-अर्चना कर सकेंगे. हालांकि गत वर्ष की तुलना में इस बार इन दोनों धामों का यात्राकाल तीस दिन कम है. लेकिन इस बार यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्रियों का आगमन हुआ है.
30 दिन छोटी है इस साल यात्रा: गत वर्ष 22 अप्रैल 2023 को कपाटोद्घाटन के बाद गंगोत्री मंदिर के कपाट 14 नवंबर 2023 को तथा यमुनोत्री मंदिर के कपाट 15 नवंबर 2023 को बंद हुए थे. इस प्रकार गत वर्ष गंगोत्री धाम की यात्रा 207 दिन और यमुनोत्री धाम की यात्रा 208 दिनों तक संचालित हुई थी. गंगोत्री धाम में 9 लाख 5 हजार 174 और यमुनोत्री धाम में 7 लाख 35 हजार 244 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे. जबकि इस वर्ष गंगोत्री धाम का यात्रा काल 177 दिन और यमुनोत्री धाम का यात्रा काल 178 दिनों का ही होगा. इसके बावजूद अभी तक पंद्रह लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन के चलते इस साल दैनिक औसत के आधार पर सर्वाधिक तीर्थयात्रियों के आने का रिकॉर्ड स्थापित हुआ है. यात्राकाल के अंतिम दौर में भी यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के दर्शनों के प्रति यात्रियों का उत्साह चरम पर है.