कोटा: कोटा में छात्रों की आत्महत्या के दो मामले सामने आने के बाद जिला प्रशासन एक बार फिर सक्रिय हो गया है. इस संबंध में गुरुवार को हॉस्टल एसोसिएशन और कोचिंग संस्थान के साथ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक हुई. इस बैठक के बाद जिला कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE mains )की परीक्षा दे रहे बच्चों की सीधी मॉनिटरिंग होगी. उन्होंने कहा कि इस परीक्षा में कोटा में 15 हजार बच्चे शामिल होंगे. ऐसे में 24 जनवरी से शुरू हो रहे एग्जाम के पहले सभी बच्चों की वन टू वन मॉनिटरिंग की जाएगी.
जिला कलेक्टर ने कहा कि पीजी भी एक बड़ा एरिया है. उनके लिए सर्वे में काफी समय लगता है. हमने कोशिश की है कि राजीव गांधी नगर और वे इलाके जहां पर ज्यादा पीजी हैं, वहां पुलिस और प्रशासन के अधिकारी एक साथ पहुंचें. कलेक्टर डॉ गोस्वामी ने बच्चों से यह भी अपील की है कि किसी एग्जाम में पास या फेल होना कई फैक्टरर्स पर निर्भर करता है. इसके लिए खुद को जिम्मेदार नहीं समझें. उन्होंने सरकार की दी गई गाइडलाइन की पालना नहीं करने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की बात भी कही.