जयपुर.तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2022 की उत्तर कुंजी को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई के दौरान कर्मचारी चयन बोर्ड के चेयरमैन आलोक राज आदेश की पालना में हाईकोर्ट में उपस्थित हुए. अदालत ने उन्हें तीन साल की भर्तियों के रिकॉर्ड के साथ पेश होने को कहा था. चेयरमैन ने अदालत को बताया कि परीक्षा की गोपनीयता के चलते पेपर सेटर के प्रश्न पत्र को नहीं देखा जाता. ऐसे में यह मान सकते हैं कि उससे दस फीसदी तक गलती हो सकती है.
इसके साथ ही बोर्ड की ओर से अदालत में शपथ पत्र के जरिए बीते तीन साल की भर्तियों की जानकारी अदालत को दी गई. शपथ पत्र देखकर अदालत ने कहा कि यह बोर्ड के प्रोग्रामर स्तर के कर्मचारी ने पेश किया है, जबकि कोर्ट ने चैयरमेन का शपथ पत्र मांगा था. इसलिए बोर्ड चैयरमेन तीन दिन में शपथ पत्र पेश कर बताएं कि मॉडल उत्तर कुंजी और अंतिम उत्तर कुंजी के परिणाम में कितना अंतर रहता है. वहीं, अदालत ने याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश निधि चौधरी व अन्य की याचिका पर दिए.
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शपथ पत्र में कहा गया कि बीते तीन साल में 78 भर्तियां आयोजित की गई हैं. इसमें कुल दस हजार 204 सवाल पूछे गए. इनमें से 215 सवालों को डिलीट किया गया और 163 सवालों के उत्तर बदले गए. ऐसे में डिलीट किए गए प्रश्नों का प्रतिशत 2.10 और उत्तर बदले गए सवालों का प्रतिशत 1.60 है. शपथ पत्र में यह भी बताया गया कि छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग, गुजरात राज्य लोक सेवा आयोग और हाईकोर्ट राजस्थान की ओर से आयोजित विभिन्न परीक्षाओं में प्रश्नों को डिलीट किया गया है. इसके साथ ही राजस्थान राज्य लोक सेवा आयोग ने भी व्याख्याता भर्ती-2022 में 150 में से 17, वरिष्ठ शिक्षक भर्ती-2022 में 150 में से 8, व्याख्याता अर्थशास्त्र भर्ती-2020 में 150 में से 9 सवाल डिलीट किए गए.
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इसी प्रकार व्याख्याता वाणिज्य भर्ती-2022 में 150 में से 7 सवाल डिलीट किए गए. इसी तरह राजस्थान शिक्षा बोर्ड की ओर से आयोजित रीट भर्ती में भी कई सवाल डिलीट किए गए. दूसरी ओर याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता विज्ञान शाह और अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि बोर्ड ने सवाल हल करने के लिए जो पैरामीटर बताए थे, उन्हीं के आधार पर सवालों के जवाब दिए गए थे. इसके बावजूद भी बोर्ड इन जवाब को सही नहीं मान रहा और गैर मान्यता प्राप्त पुस्तकों व विकिपीडिया के आधार पर सवालों के जवाब सही मान रहा है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने बोर्ड चेयरमैन को मॉडल उत्तर कुंजी व अंतिम उत्तर कुंजी के आधार पर निकाले गए परीक्षा परिणाम में आने वाले बदलाव की जानकारी तीन दिन में पेश करने को कहा है.