एससी-एसटी संगठनों का भारत बंद (ETV Bharat Bhilwara) भीलवाड़ा : सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी आरक्षण को लेकर दिए गए फैसले के विरोध में बुलाए गए भारत बंद का मिलाजुला असर रहा. प्रदेश के कई जिलों में बंद का व्यापक असर भी देखा गया, तो कई जिलों के गांव और कस्बों में बंद बेअसर रहा.
विभिन्न दलित संगठनों आह्वान पर सुबह 9 बजे से दोपहर दो बजे तक भीलवाड़ा और शाहपुरा जिला बंद रहा. खटीक समाज के जिला अध्यक्ष शैलेंद्र डीडवानिया ने कहा कि बहुजन समाज ने जिस प्रकार ताली व थाली बजाकर कुर्सी पर बिठाया है, उसे उतार भी सकती है. वहीं, किरोड़ी लाल मीणा के बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि किरोड़ी लाल मीणा अपने पद के लिए गुलामी करना चाह रहे हैं इसलिए बयान दे रहे हैं.
सरकारी व निजी विद्यालय रहें बंद :भारत बंद के चलते भीलवाड़ा व शाहपुरा जिले के कलेक्टर द्वारा सरकारी व निजी विद्यालय सहित कोचिंग संस्थानों में अवकाश घोषित किया गया था. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में भी एसडीएम व तहसीलदार को फील्ड में मौजूद रहने के निर्देश दिए गए थे. बंद के दौरान जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने के बाद अखिल भारतीय खटीक समाज के जिला अध्यक्ष शैलेंद्र डीडवानिया ने कहा कि एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने एससी, एसटी आरक्षण को लेकर जो निर्णय दिया है, उसके विरोध में आज भारत बंद है. बहुजन समाज एकजुट होकर अपने हक, अधिकार की लड़ाई को लेकर सड़कों पर आ गया है.
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जैसलमेर में मिलाजुला असर : एससी-एसटी वर्ग के आरक्षण में वर्गीकरण के विरोध में भारत बंद का जैसलमेर में मिलाजुला असर देखने को मिला. एससी-एसटी वर्गो के लोगों ने अंबेडकर पार्क पर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को माला पहनाकर रैली निकाली. रैली शहर के नगर परिषद कार्यालय, नीरज बस स्टैंड, हनुमान चौराहा होती हुई कलेक्ट्रेट पहुंची, जहां लोगों ने जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. एससी, एसटी के लोगों का कहना है कि हमें जातियों में बांटने का काम किया जा रहा है.
धौलपुर में नहीं दिखा बंद का असर : धौलपुर जिले के राजाखेड़ा में संघर्ष समिति के लोगों ने कस्बे के अंबेडकर पार्क में इकट्ठा होकर जुलूस के रूप में बाजार से निकलकर उपखंड अधिकारी कार्यालय पहुंचे और राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को ज्ञापन दिया. भारत बंद के आह्वान को लेकर राजाखेड़ा में पुलिस प्रशासन की व्यवस्थाएं चाक चौबंद दिखाई दीं. रैली के दौरान कुछ लोगों द्वारा दुकानों को बंद कराने की भी कोशिश की गई, जिन्हें पुलिस ने समझाइश कर आगे बढ़ा दिया. राजाखेड़ा कस्बे के बाजार में भारत बंद को लेकर असर नहीं देखा गया. रोजाना आम दिनों की तरह बाजार अपने समय पर खुला. बाजार में लोगों की अच्छी चहल-पहल भी देखी गई. बाजार में पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार गश्त की गई.
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सवाई माधोपुर में बाजार रहे बंद : सवाई माधोपुर में अनुसूचित जाति, जनजाति संघर्ष समिति के बैनर तले संयुक्त रूप से बंद को सफल बनाने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई. सुबह से ही बाजारों में स्पीकर लगाकर बंद को सफल बनाने में व्यापारियों से अपील की गई. इसका व्यापक असर देखने को भी मिला और बाजार पूरी तरह से बंद रहे. इस दौरान इमरजेंसी सेवाओं से जुड़ी दुकानें और प्रतिष्ठान जरूर खुले रहे. संगठनों की ओर से रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन भी किया गया और जमकर नारेबाजी की गई. इसके बाद अनुसूचित जाति, जनजाति संगठनों का प्रतिनिधि मंडल कलेक्ट्रेट पहुंचा और प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.