सरगुजा : पैथोडिटेक्ट RTPCR मशीन की कीमत लगभग 25 लाख रुपए है. सरगुजा में टीबी के मरीजों के लिये वरदान साबित होगी, क्योंकि टीबी की सामान्य टू नॉट जांच की सुविधा तो हर जगह है, लेकिन टीबी के प्रकार उनकी रजिस्टेंस दवाईयों की बारीक जांच के लिए कल्चर कराना पड़ता था, .कल्चर के लिए सैंंपल रायपुर जाता था,इस प्रोसेस में 1 महीने का समय लगता था.
जिला अस्पताल में लगी मशीन :पैथोडिटेक्ट RTPCR मशीन जिला अस्पताल कैम्प्स में स्थित टीबी अस्पताल में लगाई गई है. अब जांच में एक महीने नही लगेंगे, बल्कि मात्र 3 घंटे में ये मशीन रिपोर्ट दे देगी. बड़ी बात ये है कि इस मशीन में एक बार में 32 सैम्पल की जांच एक साथ की जा सकेगी. टीबी से लड़ने में ये मशीन बड़ी सहायक साबित हो सकती है. फिलहाल सरगुजा जिले में छत्तीसगढ़ में पहली बार एक साथ दो मशीन को इंस्टॉल किया गया है.एक मशीन टीबी अस्पताल में और दूसरी मेडिकल कॉलेज में लगाई गई है. आईसीएमआर के एक्सपर्ट की टीम भी यहां आई हुई है, जो इस मशीन को चलाने का ट्रेनिंग स्वास्थ्यकर्मियों और टेक्नीशियन को दे रही है.
तीन घंटे में हो जाती है जांच :टेक्नीशियन के मुताबिक इसमें स्पुटम टेस्ट के लिए लगाया जाता है. जो कफ के माध्यम से लिया जाता है, इसमें एक बार में 32 स्पुटम का इल्युट निकालकर एक बार में 8 सैम्पल लगाए जाते हैं. इल्यूट निकालने में डेढ़ घंटे और रिपोर्ट आने में भी डेढ़ घंटे लगता है, 3 घंटे में जांच हो जाती है.
क्षय रोग विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता के मुताबिक आईसीएमआर प्रोजेक्ट तहत पूरे छत्तीसगढ़ में सिर्फ सरगुजा जिले को 2 मशीन दी गई है. ये RTPCR मशीन है जो पैथोडिटेक्ट टेक्नोलॉजी पर आधारित है.