जयपुर.लंबे समय से चल रही सियासी अटकलों के बीच राज्य कैबिनेट के मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. कृषि मंत्री का पद संभाल रहे मीणा ने एक कार्यक्रम में खुद इसका ऐलान किया. उन्होंने कहा- ''मुझे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस्तीफा देने से मना किया था, लेकिन मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे चुका हूं.'' दरअसल, लोकसभा चुनाव के परिणाम खास तौर पर दौसा संसदीय सीट के नतीजे के बाद से ही किरोड़ीलाल मीणा के इस्तीफे को लेकर लगातार सियासी गलियारे में चर्चाओं का दौर जारी था.
माना जा रहा है कि दौसा सीट पर हुई हार की जिम्मेदारी लेते हुए मीणा ने इस्तीफा दिया है, क्योंकि मीणा ने परिणाम से पहले ही बयान दिया था कि अगर दौसा सीट से भाजपा उम्मीदवार कन्हैयालाल मीणा चुनाव हारेंगे तो वो मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे. वहीं, भाजपा की दौसा में हुई हार के बाद से ही विपक्ष लगातार किरोड़ीलाल मीणा पर इस्तीफे का दबाव बना रहा था. हालांकि, उपचुनाव से पहले मीणा के इस्तीफे से सत्ता और संगठन की टेंशन बढ़ गई है. ऐसे में अब भाजपा डैमेज कंट्रोल में जुटी है.
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मीणा के इस्तीफे से भाजपा को उपचुनाव में नुकसान की संभावना :लोकसभा चुनाव परिणाम आने के ठीक एक महीने बाद यानी 4 जुलाई को किरोड़ीलाल मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा कर दी. मीणा ने खुद अपने इस्तीफे की घोषणा कर सभी अटकलों पर विराम लगा दिया. हालांकि, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. बताया जा रहा है कि पिछले दिनों एक कार्यक्रम के पोस्टर लॉन्च के दौरान मीणा ने मुख्यमंत्री भजनलाल से मुलाकात की थी. उसी दौरान उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन विधानसभा के बजट सत्र के चलते रणनीति के तहत इसे गोपनीय रख गया. अब हाईकमान स्तर पर इस पर फैसला होगा. उपचुनाव से ठीक पहले मीणा के इस कदम से भाजपा को न केवल उपचुनाव में बल्कि पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों में भी नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है.