रायपुर: रमन सिंह की सरकार में गृहमंत्री रहे ननकी राम कंवर ने पीएम मोदी और अमित शाह को पत्र लिखा है. ननकी राम कंवर ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ में डीएमएफ में 10 हजार करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ है. आरोपों के घेरे में पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर ने कोरबा कलेक्टर को लिया है. रायपुर प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के जरिए कंवर ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं. पूर्व गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि सर्वाधिक डीएमएफ वाले कोरबा और दंतेवाड़ा में सीएसआर मद में भी बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है.
''DMF में 10 हजार करोड़ का हुआ घोटाला'', पूर्व गृहमंत्री ने जांच के लिए मोदी, शाह को लिखा पत्र - SCAM IN DMF
ननकी राम कंवर ने कोरबा कलेक्टर पर भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Dec 29, 2024, 9:25 PM IST
|Updated : Dec 29, 2024, 9:33 PM IST
''DMF में 10 हजार करोड़ का हुआ घोटाल'': छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री ननकीर राम कंवर ने मौजूदा कोरबा कलेक्टर पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. ननकी राम कंवर ने कहा कि प्रदेश में डीएमएफ के मद की कार्यों में बड़ा भ्रष्टाचार हुआ. कंवर ने कहा कि जब से डीएमएफ की शुरूआत हुई है तब से अब तक कोरबा और दंतेवाड़ा के कार्यों की जांच सीबीआई और ईडी के जरिए कराई जाए. पूर्व गृहमंत्री ने कहा कि मैंने जांच के लिए पूर्व में भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था इसके बाद जांच पड़ताल और कार्रवाई भी हुई है.
पीएम मोदी और अमित शाह को लिखा खत: प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया से बातचीत में ननकी राम कंवर ने कहा कि सोनालिया पुल में अण्डरब्रीज का काम चल रहा है. काम डीएमएफ मद से कराया जा रहा है जबकी नियमानुसार डीएमएफ से यह काम नहीं हो सकता है. कंवर ने मौजूदा कलेक्टर पर आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार करने के लिए ही डीएमएफ मद से काम कराया गया है. कंवर ने इसकी जांच कराए जाने की मांग की है.
पूर्व सरकार के कलेक्टर पर भी आरोप: ननकी राम कंवर ने पूर्ववर्ती सरकार में पदस्थ कलेक्टर पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. कंवर ने कहा कि पद का दुरूपयोग कर कई सौ करोड़ का घोटाला किया गया. कंवर ने बताया कि पैसे बनाने के लिए अपनी मर्जी से सामानों की स्प्लाई कराई गई. सामानों की खरीदी की गई. जो समान की खरीदी हुई उसमें गुणवत्ता का कोई ध्यान नहीं रखा गया. कंवर ने कहा कि करीब 500 करोड़ का घोटाला किया गया है. कंवर ने कहा कि एसईसीएल की खदानों जिसमें दीपिका, कुसमुंडा और गेवरा खदान हैं उनके लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया. जिनकी जमीन ली गई उनको मुआवजा, व्यवस्थापन और नौकरी तक नहीं दी गई.