उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

विजयनगर साम्राज्य की वास्तुकला की इस शिव मंदिर में दिखती झलक, सावन के अंतिम सोमवार को उमड़े भक्त - Temple of Koda Jehanabad - TEMPLE OF KODA JEHANABAD

विजयनगर साम्राज्य की वास्तुकला से बना प्रसिद्ध मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. सावन के अंतिम सोमवार को यहां भक्तों की अपार भीड़ लगती है. इस प्राचीन मंदिर का निर्माण सैकड़ों वर्ष पहले हुआ था.

Etv Bharat
कोड़ा जहानाबाद का मंदिर भगवान शिव को है समर्पित (photo credit- Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 19, 2024, 1:43 PM IST

फतेहपुर: जिले में स्थित कोड़ा जहानाबाद एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है. धार्मिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध फतेहपुर के कोड़ा जहानाबाद में विजयनगर साम्राज्य का एक प्राचीन मंदिर है, जो कि भगवान शिव को समर्पित है. यह स्थल विभिन्न सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. प्राचीन मंदिर का निर्माण सैकड़ों वर्ष पुराने विजयनगर साम्राज्य के समय हुआ था. जनपद स्थित कोड़ा जहानाबाद का इतिहास विजयनगर साम्राज्य के समय से जुड़ा हुआ है.

इसे भी पढ़े-राजा शांतनु ने कराई थी इस मंदिर की स्थापना, महाभारत काल से जुड़ा है इतिहास, जानिए रोचक रहस्य - Firozabad News

यह स्थल विजयनगर साम्राज्य के एक महत्वपूर्ण नगर के रूप में जाना जाता था. साथ ही महान विजयनगर वास्तुकला के उदाहरणों का संरक्षित स्रोत था. कोड़ा जहानाबाद के पास एक प्राचीन मंदिर भी है, जिसे 'कोड़ा जहानाबाद का मंदिर' कहा जाता है. यह भगवान शिव को समर्पित मन्दिर है. जो आजकल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है. इस मंदिर का निर्माण विजयनगर साम्राज्य के समय में हुआ था. इसकी खासियत उसके विजयनगर वास्तुकला के सुंदर शिल्पकला और उसके शिवलिंग की अद्वितीयता में है. विजयनगर साम्राज्य 14वीं से 16वीं शताब्दी के मध्य माना जाता है. इसके राजाओं ने 310 सालों तक राज किया.


बता दें, कि कोड़ा जहानाबाद का नाम भी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महत्वपूर्ण था. इस स्थल पर आयोजित कई स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित घटनाएं हुई. आज, कोड़ा जहानाबाद एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है. इसे धार्मिक और सांस्कृतिक आदर्श के रूप में देखा जाता है. यहां पर भगवान शिव के मंदिर के साथ ही अन्य धार्मिक स्थल और ऐतिहासिक स्थल भी हैं, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र दशकों से बने हुए हैं.



यह भी पढ़े-भोलेनाथ के इस मंदिर पर कौवे ने फेंक दी थी हड्डी, यहां नहीं बन पाई काशी, अब दूसरी काशी के नाम से है प्रसिद्ध - Kanpur Siddhnath Temple

ABOUT THE AUTHOR

...view details