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प्रबोधकों के लंबित पदोन्नति के रास्ते खुले, जल्द होगा एनटीटी शिक्षकों की भर्ती मामले का निस्तारण - प्रबोधकों के लंबित पदोन्नति

लंबे समय से पदोन्नति की मांग कर रहे प्रबोधकों को शिक्षा मंत्री ने प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए पदोन्नति का तोहफा दिया है. हालांकि, फिलहाल ये प्रस्ताव वित्तीय स्वीकृति के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा जाएगा. इसके बाद करीब 5000 प्रबोधकों की पदोन्नति की राह खुलेगी.

Minister Madan Dilawar
मदन दिलावर नाम उच्च अधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 6, 2024, 11:48 AM IST

जयपुर. प्रदेश के प्रबोधकों ने हर मंच से राज्य सरकार का ध्यान लंबित पदोन्नति की ओर आकर्षित कराया, लेकिन पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने आदि ही राहत देते हुए 10000 प्रबोधकों में से 5000 को ही पदोन्नति दी. बचे हुए 5000 प्रबोधकों ने पदोन्नति के लिए ज्ञापन भी सौंपे और आंदोलन भी किए, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला. हालांकि, प्रदेश की नई बीजेपी सरकार ने सत्ता में आते ही राहत के द्वारा खोले हैं. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने 5000 प्रबोधकों की पदोन्नति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब इस प्रस्ताव को वित्तीय स्वीकृति के लिए वित्त मंत्रालय भेजा जाएगा.

इसके साथ ही मदन दिलावर नाम उच्च अधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए 2018 में हुई एनटीटी शिक्षकों की भर्ती मामले में इसी सप्ताह राहत पहुंचाने का फैसला लिया. साथ ही देवनारायण योजना में छठी कक्षा के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृति के लिए चयनित स्कूलों की संख्या बढ़ाने पर भी सहमति बनी. इसके अलावा तृतीय श्रेणी शिक्षा भर्ती में महिला आरक्षण को 30 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई. हालांकि, इस पर अभी अंतिम मोहर लगना बाकी है. उच्च स्तरीय अधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों की समीक्षा करने पर भी विचार किया.

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वहीं, शिक्षा मंत्री ने बीकानेर शिक्षा निदेशालय में 65 से ज्यादा शिक्षकों के लंबे समय से क्लर्क वर्क कराने पर नाराजगी जताते हुए उनके पदस्थापन निरस्त करने के निर्देश दिए. शिक्षा मंत्री ने कहा कि इन 65 शिक्षकों में 19 व्याख्याता और 20 से ज्यादा सेकंड ग्रेड शिक्षक हैं. इनका काम स्कूल में बच्चों को पढ़ाने का है ना कि निदेशालय में बाबू का काम करने का. उन्होंने आदेश दिए थे कि एक पद पर 5 साल से ज्यादा समय से पदस्थापित शिक्षकों को हटाकर उनके मूल नियुक्ति स्थान भेजा जाए, लेकिन आदेश के बावजूद अभी भी 900 से ज्यादा पदस्थापन निरस्त होने बाकी हैं. ऐसे में उन्होंने डेडलाइन देते हुए 12 फरवरी तक सभी को हटाने के आदेश दिए.

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