कोरबा : कोरबा जिले में टीबी के मरीज तेजी से बढ़ने लगे हैं.अब तक पूरे जिले में 1432 मरीज मिल चुके हैं. स्वास्थ्य विभाग ने जांच और उपचार के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय की है. यह टीम मरीजों की स्क्रीनिंग करती है. साथ ही उनकी जांच के लिए कफ के सैंपल भी लिए जा रहे हैं. इनकी जांच जिला अस्पताल में संचालित टीबी की प्रयोगशाला में की जा रही है. पॉजिटिव आने पर मरीजों का इलाज भी शुरू कराया जाता है.
कोरोना काल के बाद बढ़ रहे मरीज :खास तौर पर कोरोना काल के बाद से ही छाती रोग से जुड़े मरीजों की संख्या लगातार बढ़ी है. टीबी और अस्थमा के मरीज लगातार सामने आ रहे हैं. भारत सरकार ने टीबी मुक्त भारत 2025 कार्यक्रम लॉन्च किया है. जो अगले वर्ष शुरू होगा. जिसके तहत वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाया जाना है. लेकिन जिस तरह के आंकड़े सामने आ रहे है. उसे देखते हुए इस लक्ष्य को हासिल करना एक बड़ी चुनौती है.
2025 तक टीबी मुक्त भारत है लक्ष्य :टीबी के मरीजों को प्रोटीन और पौष्टिक भोजन प्राप्त करने के लिए मिलने वाली राशि में सरकार ने राहत दी है. अब उन्हें निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपए प्रतिमाह दिए जा रहे हैं. इस योजना का उद्देश्य टीबी रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है. मरीजों को 500 रुपए प्रतिमाह के स्थान पर इस राशि को बढ़ाकर 1000 किए जाने का भी प्रस्ताव है इसे जल्द लागू किया जाएगा. विश्व भर से टीबी खत्म करने के लिए वर्ष 2035 तक का लक्ष्य है. लेकिन केन्द्र सरकार ने देश में वर्ष 2025 तक का लक्ष्य रखा है.केन्द्र और प्रदेश सरकार की ओर से टीबी के मरीजों के इलाज और इस रोग के प्रति जागरूक करने के लिए निरंतर नई योजनाओं को लागू किया जा रहा है.