नई दिल्ली:दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एंटी एक्टॉर्शन-किडनेपिंग सेल (एईकेसी) की टीम ने राजधानी में नवजात शिशुओं के तस्करी करने वाले एक सिंडिकेट के किंगपिन को धरदबोचने में कामयाबी हासिल की है. गिरफ्तार आरोपी की पहचान संग्राम दास (38), बेगमपुर, दिल्ली के रूप में की गई जो कि मूलरूप से ओडिशा का रहने वाला है. क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरोह के इस सरगना को पकड़ने के लिए 1500 किमी तक पीछा करने के बाद कोलकाता, पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया है. गिरोह के 9 सदस्यों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. संग्राम दास और उसके सहयोगियों ने उत्तर भारत में अपना नेटवर्क फैलाया हुआ था.
क्राइम ब्रांच डीसीपी संजय कुमार सेन ने दी जानकारी
क्राइम ब्रांच डीसीपी संजय कुमार सेन के मुताबिक एईकेसी की टीम ने जिस अपराधी को पकड़ा है उसके ऊपर 20 हजार का ईनाम घोषित था. आरोपी लगातार पुलिस की गिरफ्त से बचता आ रहा था. जिसको अदालत ने फरार भी घोषित कर रखा था. डीसीपी ने बताया कि 20 फरवरी को जैन नगर एक्सटेंशन, दिल्ली के बेगमपुर इलाके में रहने वाले कुछ लोगों के साथ नवजात शिशुओं को देखा गया था. इसकी सूचना तत्काल बेगमपुर पुलिस को दी गई, जिसके बाद इस संबंध में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई. इन नवजात शिशुओं को कथित लोगों के साथ संदिग्ध परिस्थितियों और अनदेखी वाली स्थितियों में देखा गया था.
क्राइम ब्रांच की एईकेसी इंस्पेक्टर प्रियंका
मामले की जांच के दौरान मानव तस्करी के सबूत सामने आए जिसके बाद 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. जिसमें 4 पुरुष और 5 महिला शामिल थीं. इस मामले में संग्राम दास फरार था जिसको कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया था. पुलिस ने उसकी गिरफ़्तारी पर 20,000 रुपए का ईनाम भी घोषित किया था. संग्राम दास इस गिरोह का सरगना है. वांछित अपराधियों की धरपकड़ करने में जुटी क्राइम ब्रांच की एईकेसी की इंस्पेक्टर प्रियंका को संग्राम दास को बारे में जानकारी मिली.
टेक्नीकल सर्विलांस से मदद से पकड़ा गया आरोपी
इंस्पेक्टर का पता चला कि संग्राम दास नाम का यह भगोड़ा मानव तस्करी के मामले में अपनी गिरफ्तारी से बचता आ रहा है. उसका पता लगाने के लिए टेक्नीकल सर्विलांस से मदद ली गई और फरार शख्स के ठिकाने के बारे में सुराग पाने के लिए खुफिया नेटवर्क को भी सक्रिय किया गया. साथ ही इस तरह के मामलों में पहले से शामिल अपराधियों से भी पूछताछ की गई ताकि कोई अहम जानकारी मिल सके. टीम को ठोस और विश्वसनीय जानकारी निकालने में कामयाबी मिली.