लखनऊ:यूपी के गोण्डा जिले में स्थित स्वामीनारायण मंदिर छपिया के सौन्दर्यीकरण एवं पर्यटन विकास के लिए पर्यटन विभाग द्वारा 22.19 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गयी है. इस धनराशि में से 08 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी गयी है. यह मंदिर गोण्डा के आसपास तथा अन्य जिलों के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केन्द्र है. यहां विभिन्न पर्वों पर यहां भारी संख्या में श्रद्धालु एवं पर्यटक आते हैं. श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए पर्यटन विभाग ने पर्यटन सुविधाओं के विकास का निर्णय लिया है. यह मंदिर स्वामीनारायण संप्रदाय के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है. यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी.
बीते साल 48 करोड़ पर्यटकों ने घूमा यूपीः मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से विकास करने वाला राज्य है. बीते वर्ष 48 करोड़ से अधिक पर्यटकों ने यूपी का भ्रमण किया, यह वृद्धि निरंतर जारी है. इस वर्ष जनवरी से जून तक 33 करोड़ आगंतुकों ने यहां का रुख किया जिसमें लगभग 11 करोड़ पर्यटक केवल अयोध्या पहुंचे. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में श्री रामलला के विराजमान होने के बाद अयोध्या में पर्यटकों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है. जयवीर सिंह ने बताया कि आगामी दिनों में यहां पर्यटन और बढ़ेगा, क्योंकि अयोध्या आने वाले पर्यटक छपिया का भी भ्रमण करेंगे.
गुजरात से भी आते भक्तः इसके अलावा स्वामीनारायण संप्रदाय को मानने वालों की संख्या गुजरात समेत अन्य कई राज्यों में अच्छी खासी है. उनके सामने भी एक साथ छपिया और अयोध्या तथा प्रदेश के अन्य स्थलों पर भ्रमण का अवसर उपलब्ध है. पर्यटन विभाग इस महत्वपूर्ण स्थल पर पर्यटक सुविधाओं का विस्तार कर रहा है. लगभग 22.19 करोड़ रुपये बस शेल्टर का विकास, मुख्य गेट व अन्य कई गेट का विकास, फसाड लाइटिंग के अलावा अन्य पर्यटक सुविधाएं विकसित की जाएंगी. इस स्थल पर पर्यटक सुविधाएं विकसित होने के बाद पर्यटकों को विशिष्ट अनुभव प्राप्त होगा.
क्या है छपिया के मंदिर का इतिहासः स्वामीनारायण का जन्म 1781 में छपिया में घनश्याम पांडे के रूप में हुआ था.11 साल में उन्होंने तीर्थ यात्रा शुरू कर दी थी. 1799 के आसपास गुजरात में बस गए थे. 1800 में गुरु स्वामी रामानंद द्वारा उद्धव संप्रदाय में शामिल किया गया. उनका नाम साहजनंद स्वामी रखा गया. 1802 में, गुरु के द्वारा उन्हें उद्धव संप्रदाय का नेतृत्व दिया या. उद्धव संप्रदाय को स्वामीनारायण संप्रदाय के रूप में जाना जाता है. यह मंदिर इसी संप्रदाय का है.