वाराणसी: देवाधि देव महादेव श्री काशी विश्वनाथ के मंदिर में तय समय पर होने वाली आरती के समय में कुछ परिवर्तन किए जा रहे हैं. यह परिवर्तन महाकुंभ मेले में आने वाले लाखों तीर्थ यात्रियों और फरवरी में पड़ने वाली शिवरात्रि को दृष्टिगत किए जाएंगे. श्री काशी विश्वनाथ न्यास की तरफ से जारी किए गए शेड्यूल के मुताबिक बाबा विश्वनाथ की होने वाली पांच प्रहर की आरतियों के सामान्य दिनों में होने वाले समय में कुछ परिवर्तन के साथ इस 13 जनवरी से 12 फरवरी तक के बीच लागू किया जा रहा है.
श्री काशी विश्वनाथ न्यास की तरफ से जारी किए गए शेड्यूल के मुताबिक सामान्य तिथि 13 जनवरी से 26 फरवरी तक के बीच सोमवार पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के अतिरिक्त दिनों में मंगला आरती का समय 2:45, मध्याह्न भोग आरती का समय 11:35, सप्त ऋषि आरती 7:00 बजे, श्रृंगार भोग आरती 8:45 और शयन आरती 10:30 बजे है.
वहीं महाकुंभ के बीच सोमवार के प्रत्येक दिन यानी 20, 27 जनवरी और 3,1,7, 24 फरवरी को श्रृंगार भोग आरती 9 बजे और शयन आरती रात्रि 10:45 पर की जाएगी. वहीं पूर्णिमा तिथि के दौरान भी यह बदलाव दिखेगा. महाकुंभ मेला 2025 के दौरान भक्तों की सुविधा को देखते हुए 13 जनवरी और 12 फरवरी 2025 को बाबा विश्वनाथ की होने वाली सप्त ऋषि और श्रृंगार भोग आरती के समय में मंदिर प्रशासन ने बदलाव किया है. सप्तऋषि आरती शाम 6:15 पर शुरू होगी वहीं भोग आरती रात्रि 8 बजे हो जाएगी.
मंगला आरती मध्यान भोग आरती और शयन आरती के समय में कोई परिवर्तन नहीं है. महाकुंभ मेला 2025 के आखिरी दिन यानी 26 फरवरी को महाशिवरात्रि है. ऐसे में बाबा विश्वनाथ के दर्शन में नागा संप्रदाय के अखाड़े के अलावा बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जलाभिषेक के लिए पहुंचेगी. इस परंपरा के अनुसार बाबा विश्वनाथ की तीन आरती महाशिवरात्रि पर नहीं होती है. इस दिन भर में यानी मंगल आरती 2:15 मिनट सुबह भर आरती होने के बाद बाबा विश्वनाथ के दर्शन खोल दिए जाएंगे.
मध्यान्ह में होने वाली भोग आरती दोपहर 11:35 से शुरू होगी और 12:35 तक चलेगी. इसके बाद सप्तऋषि आरती, श्रृंगार भोग आरती और शयन आरती महाशिवरात्रि के दिन नहीं होगी. मंगला आरती के बाद खुला बाबा विश्वनाथ का कपाट पूरी रात्रि बंद नहीं होगा. रात्रि 11:00 बजे से लेकर सुबह 6:30 तक चार प्रहर की आरती होगी.