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सीएम योगी ने कल्याण सिंह की जयंती पर कहा- राष्ट्रभक्त और रामभक्त थे पूर्व सीएम - CM YOGI IN LUCKNOW

मुख्यमंत्री योगी ने कहा- मुख्यमंत्री के रूप में कल्याण सिंह की कार्यकुशलता, कर्मठता और प्रशासनिक क्षमता की दक्षता को हर किसी ने स्वीकार किया.

सीएम योगी ने कल्याण सिंह को दी श्रद्धांजलि
सीएम योगी ने कल्याण सिंह को दी श्रद्धांजलि (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 5, 2025, 2:31 PM IST

Updated : Jan 5, 2025, 2:38 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को राजधानी लखनऊ में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की जयंती के मौके पर उन्हें याद किया. उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि व्यक्त की. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 1932 में अलीगढ़ के एक छोटे से गांव में आज ही के दिन सामान्य किसान परिवार में उनका जन्म हुआ था.

उन्होंने कहा कि बाल्यकाल से ही देश की आजादी की लड़ाई को देखने, स्वतंत्रता के बोध व भावी भारत के निर्माण में हमारी क्या भूमिका होगी. इन संस्कारों से ओतप्रोत कल्याण सिंह ने उस समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सामान्य शाखा से लेकर आगे के कार्यक्रमों के माध्यम से खुद को राष्ट्रभक्ति के सांचे में ढाला था. किसान, शिक्षक, 1977 में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री, विधायक, सांसद, दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री और दो राज्यों के राज्यपाल के रूप में उनकी कार्यकुशलता, कर्मठता और प्रशासनिक क्षमता की दक्षता को हर किसी ने स्वीकार किया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यपाल 'पद्म विभूषण' कल्याण सिंह की जयंती पर 2, मॉल एवेन्यू में आयोजित कार्यक्रम में उनके चित्र पर पुष्पांजलि की. सीएम ने कहा कि उनकी स्मृतियों की जीवंतता बनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार ने लखनऊ में अत्याधुनिक कैंसर इंस्टीट्यूट और बुलंदशहर के मेडिकल कॉलेज का नामकरण भी श्रद्धेय कल्याण सिंह जी के नाम पर रखा है.

सीएम ने कहा कि सत्ता के लिए लोग सिद्धांतों की तिलांजलि दे देते हैं. कुछ प्राप्त करने के लिए मूल्यों के साथ समझौता करते हैं, लेकिन कल्याण सिंह जैसे व्यक्तित्व ने मूल्यों और सिद्धांतों के साथ कभी समझौता नहीं किया. रामजन्मभूमि आंदोलन और उसके बाद भी प्रदेश की राजनीति को नई दिशा देने, प्रशासनिक दक्षता को परिपूर्ण करने के लिए उनके द्वारा 1990 के दशक के प्रारंभ व उत्तरार्ध में जो प्रयास प्रारंभ किए गए थे, वह नए उत्तर प्रदेश का दर्शन कराते हैं.

सीएम ने कहा कि देश 1947 में आजाद हुआ, लेकिन उत्तर प्रदेश के लोगों को पहली बार इसका अहसास तब हुआ, जब मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करके कल्याण सिंह ने शासन व्यवस्था को आगे बढ़ाया. उस समय भी उन्हें अस्थिर करने के लिए झुंड के झुंड अव्यवस्था फैलाने पर उतारू थे. उसकी परवाह किए बिना उन्होंने श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए सरकार की तिलांजलि दी. उनकी दूरदर्शिता थी, जो सपना उन्होंने देखा, वह साकार हो गया. अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण कार्य पूरा हो गया, तो उनकी आत्मा को भी असीम शांति प्राप्त हुई होगी.

कल्याण सिंह के पुत्र पूर्व सांसद राजवीर सिंह 'राजू भैया' ने आगंतुकों का स्वागत किया. इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, सांसद साक्षी महाराज, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह आदि मौजूद रहे.

यह भी पढ़ें: लखनऊ में घूम रहा बाघ; जंगल से निकल कर मजार के करीब पहुंचा, बुजुर्ग ने कमरे में भागकर बचाई जान

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को राजधानी लखनऊ में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की जयंती के मौके पर उन्हें याद किया. उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि व्यक्त की. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 1932 में अलीगढ़ के एक छोटे से गांव में आज ही के दिन सामान्य किसान परिवार में उनका जन्म हुआ था.

उन्होंने कहा कि बाल्यकाल से ही देश की आजादी की लड़ाई को देखने, स्वतंत्रता के बोध व भावी भारत के निर्माण में हमारी क्या भूमिका होगी. इन संस्कारों से ओतप्रोत कल्याण सिंह ने उस समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सामान्य शाखा से लेकर आगे के कार्यक्रमों के माध्यम से खुद को राष्ट्रभक्ति के सांचे में ढाला था. किसान, शिक्षक, 1977 में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री, विधायक, सांसद, दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री और दो राज्यों के राज्यपाल के रूप में उनकी कार्यकुशलता, कर्मठता और प्रशासनिक क्षमता की दक्षता को हर किसी ने स्वीकार किया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यपाल 'पद्म विभूषण' कल्याण सिंह की जयंती पर 2, मॉल एवेन्यू में आयोजित कार्यक्रम में उनके चित्र पर पुष्पांजलि की. सीएम ने कहा कि उनकी स्मृतियों की जीवंतता बनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार ने लखनऊ में अत्याधुनिक कैंसर इंस्टीट्यूट और बुलंदशहर के मेडिकल कॉलेज का नामकरण भी श्रद्धेय कल्याण सिंह जी के नाम पर रखा है.

सीएम ने कहा कि सत्ता के लिए लोग सिद्धांतों की तिलांजलि दे देते हैं. कुछ प्राप्त करने के लिए मूल्यों के साथ समझौता करते हैं, लेकिन कल्याण सिंह जैसे व्यक्तित्व ने मूल्यों और सिद्धांतों के साथ कभी समझौता नहीं किया. रामजन्मभूमि आंदोलन और उसके बाद भी प्रदेश की राजनीति को नई दिशा देने, प्रशासनिक दक्षता को परिपूर्ण करने के लिए उनके द्वारा 1990 के दशक के प्रारंभ व उत्तरार्ध में जो प्रयास प्रारंभ किए गए थे, वह नए उत्तर प्रदेश का दर्शन कराते हैं.

सीएम ने कहा कि देश 1947 में आजाद हुआ, लेकिन उत्तर प्रदेश के लोगों को पहली बार इसका अहसास तब हुआ, जब मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करके कल्याण सिंह ने शासन व्यवस्था को आगे बढ़ाया. उस समय भी उन्हें अस्थिर करने के लिए झुंड के झुंड अव्यवस्था फैलाने पर उतारू थे. उसकी परवाह किए बिना उन्होंने श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए सरकार की तिलांजलि दी. उनकी दूरदर्शिता थी, जो सपना उन्होंने देखा, वह साकार हो गया. अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण कार्य पूरा हो गया, तो उनकी आत्मा को भी असीम शांति प्राप्त हुई होगी.

कल्याण सिंह के पुत्र पूर्व सांसद राजवीर सिंह 'राजू भैया' ने आगंतुकों का स्वागत किया. इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, सांसद साक्षी महाराज, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह आदि मौजूद रहे.

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Last Updated : Jan 5, 2025, 2:38 PM IST
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