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बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती, डोटासरा बोले- सस्ती लोकप्रियता के लिए तोड़ रहे आशियाने, ऐसा करने वालों पर भी हो एक्शन - Dotasara On Bulldozer Action - DOTASARA ON BULLDOZER ACTION

Dotasara On Bulldozer Action, बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती का कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान के साथ ही अन्य प्रदेशों में सस्ती लोकप्रियता के लिए किसी पर आरोप लगते ही आशियाने उजाड़े जा रहे हैं. अब जो इस तरह की कार्रवाई करते हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.

Dotasara On Bulldozer Action
डोटासरा बोले- सस्ती लोकप्रियता के लिए तोड़ रहे आशियाने (ETV BHARAT JAIPUR)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 2, 2024, 7:25 PM IST

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर : बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती का प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने स्वागत किया. उन्होंने कहा कि राजस्थान के साथ ही अन्य प्रदेशों में सस्ती लोकप्रियता के लिए किसी पर आरोप लगते ही आशियाने उजाड़े जा रहे हैं. अब जो इस तरह की कार्रवाई करते हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. डोटासरा ने कहा कि किसी पर आरोप लगने मात्र से किसी के आशियाने को नहीं उजाड़ा जा सकता है. किसी पर आरोप लगने मात्र से वह अपराधी नहीं हो जाता है. किसी पर भी आरोप लगा, लेकिन कोर्ट की प्रक्रिया के बाद में दोष सिद्धि होती है. अंतिम न्याय का अधिकार संविधान में बाबा साहेब ने दिया है. उसका पूरा प्रयोग कर लेता है. उसके बाद कानून सम्मत कार्रवाई ही सरकार कर सकती है.

सस्ती लोकप्रियता के लिए चाहे जिसके ऊपर आरोप लग गया और उस आरोप के आधार पर आप जाकर बुलडोजर चलाकर उसका जीना दूभर कर रहे हो. उसका आशियाना तोड़ रहे हो. उसके बीवी-बच्चों को आप सड़क पर तड़पता छोड़ रहे हो. यह गलत है. राजस्थान या और कहीं, जहां भी इस तरह की कार्रवाई की गई हो. उनके खिलाफ भी अब कार्रवाई होनी चाहिए.

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दिलावर को पता नहीं प्रदेश में एनसीआरटी का कोर्स :मदन दिलावर के बयान पर डोटासरा ने कहा कि मदन दिलावर शिक्षा मंत्री होकर भी शिक्षा की बात नहीं करते. शिक्षा मंत्री को इतना भी ज्ञान नहीं है कि 2021-22 से राजस्थान में एनसीआरटी का पाठ्यक्रम लागू है. पाठ्यक्रम बनाने वाली संस्था एनसीआरटी भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन है. वो जो पाठ्यक्रम बनाती है. वही पाठ्यक्रम प्रदेश में लागू किया गया. अब उनको यह बातें बार-बार इसलिए करनी पड़ रही है कि उन्हें केवल हिंदू-मुस्लिम करना है. उनके आरएसएस में यही सिखाया जाता है. उन्हें केवल अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकनी है.

क्यों उन्माद फैलाकर अशांति फैलाना चाह रहे :डोटासरा ने कहा कि कोई उनसे पूछे कि आप शिक्षा मंत्री हो और आप यह कह रहे हो कि किताबें जला दूंगा. यह कौन से कानून में लिखा है कि आप किताबें जला दोगे. आप क्यों उन्माद फैलाकर यहां अशांति फैलाना चाहते हो. यह आपका क्या एजेंडा है. डोटासरा ने कहा कि जी-20 में भारत सरकार ने किस प्रकार से इस तरह के लोगों को क्या कहा गया है. उनकी जीवनी के बारे में क्या लिखा गया है. वो अगर आप ध्यान कर लेते तो इस तरह का वाहियात बयान शिक्षा मंत्री नहीं देते.

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दिलावर ढंग का काम करें तो उन्हें महान बता दें :महाराणा प्रताप को महान मानने के सवाल पर डोटासरा ने कहा कि अगर मदन दिलावर कोई ढंग का काम करे तो वह उन्हें भी महान बता दें. लेकिन ये कोई ढंग का काम तो करें. शिक्षा मंत्री होकर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. ये इस तरह की वाहियात बातें करके बच्चों को क्या संदेश देना चाहते हैं. यह समझ से परे है.

सरकारी स्कूलों में नामांकन हुआ कम :डोटासरा ने कहा कि जब वह शिक्षा मंत्री थे तो सरकारी स्कूलों में बच्चों का नामांकन 97.50 लाख था. आज यह आंकड़ा 82 लाख रह गया है. इन्हें शर्म ही नहीं आती कि हम बच्चों का नामांकन कैसे बढ़ाएं. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे दें. आज सरकार बने 9 महीने हो गए हैं. उन्होंने न तो वे अंग्रेजी माध्यम स्कूल बंद कर सके. न ही उन स्कूलों में शिक्षक दे सके. न ही अधिशेष अध्यापकों को रिक्त पदों पर समायोजित कर सके. शिक्षा मंत्री ने पांच फैसले लिए और पांचों के पांचों वापस लेने पड़े. ये आखिर करना क्या चाहते हैं.

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जो बातें करनी चाहिए, वो नहीं कर रहे :डोटासरा ने कहा कि इन्हें बताना चाहिए कि कैसे शिक्षकों की भर्ती की जाए. कैसे ड्रॉप आउट बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जाए. कैसे नई भर्तियां की जाएं. स्कूलों में किस प्रकार से एक्टिविटी होनी चाहिए ताकि शिक्षा का अच्छा माहौल बने. नवाचार होने चाहिए. जो बातें करनी चाहिए. वो बातें नहीं करके ऐसे बातें कर रहे हैं, जिससे शिक्षा का कोई लेना-देना नहीं है. बच्चों में हीन भावना आती है कि हमारा शिक्षा मंत्री ऐसी बातें कर रहा है.

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