जालौर: सांचौर जिले को हाल ही में राजस्थान सरकार द्वारा निरस्त किए जाने के फैसले के विरोध में क्षेत्रवासियों ने एकजुट होकर आंदोलन का बिगुल बजा दिया है. ज्ञापन के माध्यम से जिला कलेक्टर को सूचित किया गया कि 30 दिसंबर को जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने महापड़ाव रखा जाएगा.
पूर्ववर्ती सरकार द्वारा गठित सांचौर जिला, रामलुभाया कमेटी की सिफारिशों के आधार पर बनाया गया था, जो दूरी और जनसंख्या जैसे कारकों को ध्यान में रखकर गठित हुआ था. वर्तमान भाजपा सरकार ने गत 28 दिसंबर को सांचौर जिले को निरस्त कर दिया, जबकि समान स्थिति वाले अन्य जिलों (डीग, खैरथल, सलुम्बर) को बरकरार रखा गया. सांचौर की जालौर से 145 किमी की दूरी को ध्यान में रखते हुए जिला मुख्यालय बनने से लोगों को प्रशासनिक कार्यों में सुविधा और आर्थिक राहत मिली थी.
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क्षेत्रवासियों ने पहले भी गत 25 सितंबर से 2 अक्टूबर तक अनशन और प्रदर्शन के माध्यम से अपनी मांगें सरकार तक पहुंचाई थीं. अब जनता का कहना है कि यदि सांचौर जिले को बहाल नहीं किया गया, तो आंदोलन और तेज होगा. ज्ञापन में स्पष्ट किया गया है कि सांचौर जिले को निरस्त करने का निर्णय जनहित के विपरीत है. यदि सरकार ने इसे बहाल नहीं किया, तो इसका जिम्मेदार प्रशासन होगा. महापड़ाव के दौरान हजारों लोग अपनी मांग के समर्थन में जुटने वाले हैं.