जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने बीमा पॉलिसियों को लेकर कहा कि राजस्थान में होने वाले लेन-देन के लिए राज्य के बाहर से खरीदा गया स्टांप पेपर मान्य नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट भारतीय जीवन बीमा निगम की अपीलों को खारिज करते हुए यह आदेश दिया. अदालत ने राज्य सरकार से कहा है कि जिस समय बीमा स्टांप नहीं थे, उस समय की स्टांप ड्यूटी के बारे में मांग नहीं की जाए.
न्यायाधीश पीएस नरसिम्हा व न्यायाधीश अरविन्द कुमार की खंडपीठ ने 20 साल से चल रहे विवाद पर यह फैसला सुनाया. कोर्ट ने राज्य के 1952 के स्टांप कानून को वैध ठहराया. वहीं, कहा कि राष्ट्रपति की मंजूरी से बना राज्य का कानून केन्द्र के कानून से ऊपर होगा. कोर्ट ने कहा कि स्टांप ड्यूटी भी कर के रूप में है और राज्य सरकार को बीमा पॉलिसियों पर स्टांप ड्यूटी वसूल करने का हकदार है.