रायपुर: 30 सालों से वेतन विसंगति दूर होने का इंतजार करते कई सुपरवाइजर सेवानिवृत्त हो गईं. इनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. इस दौरान कई बार सरकार भी बदल चुकी है बावजूद इसके महिला बाल विकास विभाग में कार्यरत सुपरवाइजरो का वेतन विसंगति का मामला अब तक पूरा नहीं हो पाया है. प्रदेश की लगभग 70 लाख महिलाओं को 'महतारी वंदन योजना' से एक माह में लाभान्वित करने वाली जुझारू महिलाएं अब न्याय की मांग कर रही हैं.
महिला बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षकों का 3 सितंबर को हल्ला बोल प्रदर्शन, वजन त्योहार का करेंगे बहिष्कार - Women and Child Development - WOMEN AND CHILD DEVELOPMENT
महिला बाल विकास विभाग में पदस्थ प्रदेश भर के सुपरवाइजर वेतन विसंगति की मांग को लेकर 3 सितंबर को प्रदेश स्तर पर नया रायपुर के तूताधरना स्थल पर एक दिवसीय प्रदर्शन करेंगे.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Aug 30, 2024, 10:53 PM IST
|Updated : Aug 30, 2024, 11:04 PM IST
तीन सितंबर को करेंगी प्रदर्शन:सुपरवाइजर संघ की प्रदेश अध्यक्ष ऋतु परिहार ने बताया कि "1866 पर्यवेक्षक है जो समानता का हक दूसरों को दिलाते हुए स्वयं शोषित हैं. पर्यवेक्षक का पद तृतीय श्रेणी कार्यपालिक का पद है. सभी विभागों में यह पद 4200 ग्रेड पे पर लेवल 8 में है. किंतु महिला बाल विकास में 2400 ग्रेड पे पर लेवल 6 में है. केवल महिला होने के कारण किसी ने इनके सम्मान और हित के लिए नही सोचा. पांचवे वेतनमान से न इनका वेतन पुनरीक्षित हुआ न कोई सुधार."