फर्रुखाबादःसुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) के खाताधारकों के लिए यह खबर बेहद खास है. सरकार की ओर से एक ऐसा नियम (New Rule) लागू किया गया है जिसकी जानकारी आपको होना बेहद जरूरी है. अगर आप इस नियम के तहत आते हैं तो आपको एक छोटा सा काम करना पड़ेगा वरना आपका खाता कैंसिल कर दिया जाएगा. आप इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे.
क्या है सुकन्या समृद्धि योजना: फतेहगढ़ मंडल डाक घर अधीक्षक दीनबंधु पांडेय ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) का प्रारंभ किया था. तब से योजना लगातार चल रही है.
योजना की खास बातेंःइस योजना में कोई भी व्यक्ति बेटी के लिए खाता खुलवा सकता है. इसमें न्यूनतम 250 रुपए से अधिकतम 1.5 लाख रुपए का निवेश सालाना कर सकते हैं. इस स्कीम के तहत आयकर में इनकम टैक्स में 1.5 लाख रुपए तक का टैक्स लाभ मिलता है.
क्या नया नियम आया: फतेहगढ़ मंडल डाक घर अधीक्षक दीनबंधु पांडेय ने बताया कि नए नियम के तहत अब सुकन्या एकाउंट को कानूनी अभिभावक चला सकेंगे. ऐसे लोग जो कानूनी रूप से अभिभावक नहीं हैं और उन्होंने खाता खुलवा दिया है तो उनका खाता बंद कर दिया जाएगा. अब खाते के लिए कानूनी रूप से अभिभावक होना जरूरी है.
फर्रुखाबाद मंडल में कितने खातेःउन्होंने बताया कि फर्रुखाबाद मंडल में दो जिले आते हैं. इसमें फर्रुखाबाद और कन्नौज शामिल है. इन दोनों ही जिलों में 70232 से ज्यादा खाते संचालित हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि सुकन्या समृद्धि खाते को खुलवाने के लिए बेटी का जन्म प्रमाण पत्र और अभिभावक में किसी एक का आधार कार्ड होना जरूरी है.
एक परिवार की दो बेटियों के खाते खोल सकते: उन्होंने बताया कि नियम है कि एक परिवार में अधिकतम दो बेटियों के ही सुकन्या समृद्धि खाते खुल सकते हैं. हां यदि पहली बेटी है और इसके बाद जुड़वा बेटियां फिर हुईं हैं तो ऐसी दशा में तीनों का खाता खुल सकता है.
अगर एक साल किस्त न दे पाएं तब: यदि आप एक साल खाते की किस्त नहीं जमा कर सके हैं तो आप अगले साल 50 रुपए पेनाल्टी के साथ अपनी किस्त जमाकर इस योजना का लाभ लेना जारी रख सकते हैं. कोशिश करें कि किस्त ब्रेक न हो सके.
कितना ब्याज मिल रहा: इस योजना में 15 वर्ष तक ही किस्त भरनी है. 21 साल बाद खाते का पैसा निकाला जा सकेगा. इस स्कीम पर 8.2% का ब्याज दिया जा रहा है. इसमें समय-समय पर सरकार की ओर से परिवर्तन किया जाता है.