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Watch Video; मेरठ में दहशत का पर्याय बना तेंदुआ पिंजरे में कैद, लखनऊ में टाइगर का आतंक जारी - TIGER SEARCH OPERATION LUCKNOW

परीक्षितगढ़ रेंज तहसील के खेत में फंसा मिला तेंदुआ, दुधवा नेशनल पार्क से दोनों हथिनियां लखनऊ में बाघ को ट्रेस करने पहुंची

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पिंजरे में कैद तेंदुआ. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 3, 2025, 7:16 PM IST

Updated : Jan 4, 2025, 8:48 AM IST

मेरठ/लखनऊः मेरठ में कई दिनों से एक तेंदुआ चर्चा में बना हुआ था. जिसे शुक्रवार को आखिरकार पकड़ लिया गया. अब पशुपालन विभाग के चिकित्सकों की देखरेख में उसका उपचार किया जा रहा है.

परतापुर थाना क्षेत्र के रिठानी में गुरुवार को तेंदुए के पैरों के निशान मिले थे. जिसके बाद तेंदुए को लेकर लोगों में दहशत का माहौल था. स्थानीय निवासियों द्वारा तेंदुए के पैरों के निशान वन विभाग को दिखाए गये थे. वहीं, लखनऊ के रहमानखेड़ा इलाके में बाघ आतंक का पर्याय बना हुआ है. खेतों और बागों में उसके पगचिह्न देखे गए हैं.

मेरठ में पकड़ा गया तेंदुआ. (Video Credit; ETV Bharat)

वन विभाग के द्वारा स्थानीय लोगों की सूचना पर ग्राम रिठानी में शारदा एक्सपोर्ट कम्पनी के पीछे जंगल एवं उसके आस-पास तेंदुए की उपस्थिति की जांच करने के स्टाफ को भेजा गया था. इसके बाद वन विभाग की तरफ से 3 अलग-अलग टीमों का गठन किया गया. टीमें रोस्टर के आधार पर 24 घंटे क्षेत्र में उपस्थित रहकर गश्त कर रही थीं. गुरुवार को दिनभर गश्त भी की गई थी.

इसी बीच शुक्रवार को तहसील मवाना के ग्राम मुबारकपुर किला परीक्षितगढ़ रेंज तहसील खेत में एक तेन्दुए के फंसे होने की सूचना वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों को ग्रामीणों के द्वारा दी गई. जिसके बाद प्रभागीय निदेशक द्वारा दो रेस्क्यू टीमों को लगाया गया. मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के तहत स्थानीय स्थिति को परखते हुए योजना बनाकर तेन्दुए का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया. इसके बाद पशु चिकित्सकों से स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया गया है. डीएफओ का राजेश कुमार का कहना है कि नर तेंदुआ पकड़ में आया है, जिसकी उम्र लगभग डेढ़ से दो वर्ष है. उसकी सेहत का पता कराया जा रहा है. इसके बाद फिर उसे घने जंगल क्षेत्र में रिलीज करने की कार्रवाई की जाएगी.

टाइगर ने बहरू में किया गाय का शिकार, 6 टीमें कर रहीं तलाश
लखनऊ के रहमानखेड़ा इलाके में बाघ आतंक का पर्याय बना हुआ है. खेतों और बागों में उसके पगचन्हि देखे गए हैं. वन विभाग की टीमें बाघ को पकड़ने में नाकाम साबित हो रही हैं. शुक्रवार को कुसमौरा गांव के बाग में बाघ के पगचिह्न मिलने पर ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम को सूचना दी. जंगल से सटे बहरू गाँव के बाहर बाघ ने गाय का शिकार किया है. बाग व खेतों में मिले बाघ के पगचिह्नों की जांच में बाघ के मौजूदगी की पुष्टि हुई. जानकारी के मुताबिक इलाके में थर्मल ड्रोन कैमरों से भी नजर रखी जा रही है. साथ ही ग्रामीणों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की एसओपी के अनुसार, रात के समय बाघ को ट्रैंकुलाइज करना संभव नहीं है. रहमानखेड़ा का जंगल भी घना होने के कारण दिन में बाघ की गतिविधियों का पता लगाना मुश्किल हो रहा है. इसके बावजूद, बाघ की मौजूदगी के पगमार्क और किए गए शिकारों से उसकी लोकेशन की पुष्टि हो रही है.
दुधवा से लखनऊ पहुचीं दो प्रशिक्षित हथिनियांः जिला वन संरक्षक (DFO) ने बताया कि डायना और सुलोचना लखनऊ पहुंच गई हैं. दुधवा नेशनल पार्क से दोनों हथिनियां सुलोचना व डायना हमारे अभियान का हिस्सा है. एक्सपर्ट डॉक्टर और 30 अधिकारियों की टीम बाघ की हर हलचल पर नजर रख रही है. इस ऑपरेशन में कानपुर पीलीभीत और लखनऊ की टीम में लगी हुई है. यह हथिनियां बाघ को ट्रेस करने में ट्रेंड है. सुनकर ही बाघ तक पहुंच जाती हैं.

इसे भी पढ़ें-40 बीघे के घने जंगल में 30 दिन से छिपा बाघ, हर बार देता गच्चा, इस बार पकड़ने के लिए ये ट्रिक लगाई

मेरठ/लखनऊः मेरठ में कई दिनों से एक तेंदुआ चर्चा में बना हुआ था. जिसे शुक्रवार को आखिरकार पकड़ लिया गया. अब पशुपालन विभाग के चिकित्सकों की देखरेख में उसका उपचार किया जा रहा है.

परतापुर थाना क्षेत्र के रिठानी में गुरुवार को तेंदुए के पैरों के निशान मिले थे. जिसके बाद तेंदुए को लेकर लोगों में दहशत का माहौल था. स्थानीय निवासियों द्वारा तेंदुए के पैरों के निशान वन विभाग को दिखाए गये थे. वहीं, लखनऊ के रहमानखेड़ा इलाके में बाघ आतंक का पर्याय बना हुआ है. खेतों और बागों में उसके पगचिह्न देखे गए हैं.

मेरठ में पकड़ा गया तेंदुआ. (Video Credit; ETV Bharat)

वन विभाग के द्वारा स्थानीय लोगों की सूचना पर ग्राम रिठानी में शारदा एक्सपोर्ट कम्पनी के पीछे जंगल एवं उसके आस-पास तेंदुए की उपस्थिति की जांच करने के स्टाफ को भेजा गया था. इसके बाद वन विभाग की तरफ से 3 अलग-अलग टीमों का गठन किया गया. टीमें रोस्टर के आधार पर 24 घंटे क्षेत्र में उपस्थित रहकर गश्त कर रही थीं. गुरुवार को दिनभर गश्त भी की गई थी.

इसी बीच शुक्रवार को तहसील मवाना के ग्राम मुबारकपुर किला परीक्षितगढ़ रेंज तहसील खेत में एक तेन्दुए के फंसे होने की सूचना वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों को ग्रामीणों के द्वारा दी गई. जिसके बाद प्रभागीय निदेशक द्वारा दो रेस्क्यू टीमों को लगाया गया. मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के तहत स्थानीय स्थिति को परखते हुए योजना बनाकर तेन्दुए का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया. इसके बाद पशु चिकित्सकों से स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया गया है. डीएफओ का राजेश कुमार का कहना है कि नर तेंदुआ पकड़ में आया है, जिसकी उम्र लगभग डेढ़ से दो वर्ष है. उसकी सेहत का पता कराया जा रहा है. इसके बाद फिर उसे घने जंगल क्षेत्र में रिलीज करने की कार्रवाई की जाएगी.

टाइगर ने बहरू में किया गाय का शिकार, 6 टीमें कर रहीं तलाश
लखनऊ के रहमानखेड़ा इलाके में बाघ आतंक का पर्याय बना हुआ है. खेतों और बागों में उसके पगचन्हि देखे गए हैं. वन विभाग की टीमें बाघ को पकड़ने में नाकाम साबित हो रही हैं. शुक्रवार को कुसमौरा गांव के बाग में बाघ के पगचिह्न मिलने पर ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम को सूचना दी. जंगल से सटे बहरू गाँव के बाहर बाघ ने गाय का शिकार किया है. बाग व खेतों में मिले बाघ के पगचिह्नों की जांच में बाघ के मौजूदगी की पुष्टि हुई. जानकारी के मुताबिक इलाके में थर्मल ड्रोन कैमरों से भी नजर रखी जा रही है. साथ ही ग्रामीणों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की एसओपी के अनुसार, रात के समय बाघ को ट्रैंकुलाइज करना संभव नहीं है. रहमानखेड़ा का जंगल भी घना होने के कारण दिन में बाघ की गतिविधियों का पता लगाना मुश्किल हो रहा है. इसके बावजूद, बाघ की मौजूदगी के पगमार्क और किए गए शिकारों से उसकी लोकेशन की पुष्टि हो रही है.
दुधवा से लखनऊ पहुचीं दो प्रशिक्षित हथिनियांः जिला वन संरक्षक (DFO) ने बताया कि डायना और सुलोचना लखनऊ पहुंच गई हैं. दुधवा नेशनल पार्क से दोनों हथिनियां सुलोचना व डायना हमारे अभियान का हिस्सा है. एक्सपर्ट डॉक्टर और 30 अधिकारियों की टीम बाघ की हर हलचल पर नजर रख रही है. इस ऑपरेशन में कानपुर पीलीभीत और लखनऊ की टीम में लगी हुई है. यह हथिनियां बाघ को ट्रेस करने में ट्रेंड है. सुनकर ही बाघ तक पहुंच जाती हैं.

इसे भी पढ़ें-40 बीघे के घने जंगल में 30 दिन से छिपा बाघ, हर बार देता गच्चा, इस बार पकड़ने के लिए ये ट्रिक लगाई

Last Updated : Jan 4, 2025, 8:48 AM IST
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