पटना :बिहार के युवाओं ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. जमुई जिले के रहने वाले एक शख्स ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. आज की तारीख में उनकी अंतरराष्ट्रीय पहचान है. युवा प्रतिभा रवि आर कुमार का नाम गिनीज वर्ल्ड ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज है.
नोनी टू दुबई की सफल जर्नी :बिहार के रहने वाले रवि आर कुमार किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. जमुई जिले के छोटे से गांव नोनी के रहने वाले रवि आर कुमार ने आज की तारीख में अंतरराष्ट्रीय पहचान बना ली है. शेयर बाजार की दुनिया में रवि आर कुमार जाना माना नाम है. रवि आर कुमार सेफ शेयर ट्रेडिंग की दुनिया के बेताज बादशाह हैं और 75 देशों तक उनकी पहुंच बन चुकी है.
प्राइवेट चार्टर से करते हैं देश-विदेश का भ्रमण : रवि आर कुमार आज युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं. पूरे विश्व में अब तक रवि आर कुमार ने 79000 लोगों को सेफ शेयर ट्रेडिंग की ट्रेनिंग दी है. 75 देशों में इनका कार्यक्रम संपन्न हो चुका है. रवि आर कुमार की संपत्ति 2000 करोड़ से अधिक की है. आज की तारीख में रवि का मुख्यालय दुबई में है और प्राइवेट चार्टर से रवि आर कुमार देश विदेश का भ्रमण करते हैं.
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में रवि का नाम है दर्ज :डॉ रवि रंजन आर कुमार दुनिया में सकारात्मक परिवर्तन निर्माता के रूप में जाने जाते हैं. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी इनका नाम दर्ज है. इंग्लैंड के लंदन में लॉर्ड्स क्रिकेट मैदान में भी रवि आर कुमार को सम्मानित किया गया है. डॉ रवि भले ही आज शेयर बाजार की दुनिया में शिखर पर हैं लेकिन उनके संघर्ष की दास्तां भी दिलचस्प है.
कदाचार के सहारे मैट्रिक पास की तो पिता ने मिठाई बांटी : रवि आर कुमार का बचपन संघर्ष भरा रहा है. रवि की माता जी आंगनबाड़ी सेविका थी और उसी से परिवार चलता था. रवि के घर में इतने पैसे भी नहीं थे कि वह रेगुलर स्कूल जा सकें. रवि ने सातवीं तक की पढ़ाई अपने गांव के सरकारी स्कूल में की. उसके बाद दसवीं की पढ़ाई के लिए नवादा चले आए.
2002 में सेकंड डिवीजन से किसी तरीके से बोर्ड की परीक्षा पास की. रवि बताते हैं कि उस दौर में कदाचार होता था और उसी की बदौलत मैं परीक्षा पास कर पाया. मेरे पिताजी को यह उम्मीद नहीं थी कि मैं परीक्षा पास कर पाऊंगा. परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने मिठाइयां बांटी थी.
'सिर्फ परीक्षा देने स्कूल जाता' :2004 में रवि ने किसी तरीके से इंटर की परीक्षा द्वितीय श्रेणी में पास की. रवि बताते हैं कि पैसे की कमी की वजह से मैं सातवीं के बाद कभी स्कूल नहीं गया, सिर्फ मैं परीक्षा देने स्कूल जाता था.
पढ़ाई पूरी करने के लिए होटल में प्लेट धोया : मुफलिसी के दौर में रवि को स्कॉलरशिप मिल गई और यहीं से उनकी जिंदगी में बदलाव आने शुरू हो गए. रवि ने बैचलर ऑफ साइंस की पढ़ाई यूनिवर्सिटी साउदर्न कैलिफोर्निया से पूरी की.
स्कॉलरशिप पढ़ाई के लिए तो मिल गई थी लेकिन दो वक्त की रोटी के लिए रवि को कैलिफोर्निया में संघर्ष करना पड़ा और होटल में काम किया. होटल में रवि ने पानी पिलाने और प्लेट धोने तक का काम किया.
कंधार में हर रोज होता था मौत से सामना : पढ़ाई पूरी करने के बाद रवि आर कुमार यूएस फोर्स के लिए काम करने लगे. रवि ने 2008 में आईटी एक्सपर्ट के रूप में अमेरिकी सेना के लिए काम करना शुरू किया और उनकी पोस्टिंग अफगानिस्तान में हो गई.
सेना में नौकरी के दौरान रवि टेंट में रहते थे. रवि बताते हैं कि बड़े अफसर को तो घर मिल जाते थे लेकिन हम लोगों को घर नहीं मिल पाया था. अफगानिस्तान के कंधार में हर रोज हमारा मौत से सामना होता था. हमारे आसपास में बम, मिसाइल और रॉकेट गिरते थे . उन दिनों तालिबान से लड़ाई चरम पर था.
व्यवसाय में रवि को हुआ था भारी नुकसान : रवि आर कुमार के जीवन में ऐसे वक्त भी आए जिसे आज वह याद करना नहीं चाहते हैं. 2017 में रवि ने एक व्यापार शुरू किया था जो बुरी तरह फेल हो गया. दरअसल, रवि आर कुमार ने केमिकल फर्टिलाइजर का व्यवसाय शुरू किया था. चीन से इंपोर्ट के जरिए व्यापार चल रहा था लेकिन इस व्यापार में असफलता मिली. रवि आर कुमार को 30 से 40 करोड़ का घाटा हो गया. रवि इसे याद करना नहीं चाहते हैं.
$2 का खरीदा था पहला शेयर : इसके बाद रवि ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. शेयर ट्रेडिंग में रवि लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए. रवि ने सबसे पहले इक्विटी शेयर टेस्ला का लिया. दो डॉलर का शेयर रवि ने खरीदा था और यहीं से रवि के शेयर ट्रेडिंग का कारोबार शुरू हुआ जो आज भी जारी है.