लखनऊ:राजधानी की लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की ओर से बसों में एमएसटी की सुविधा बंद करने का खामियाजा छात्र, बुजुर्ग और दिव्यांग जैसे जरूरतमंदों को उठाना पड़ रहा है. एमएसटी धारकों का सिटी बसों से सफर करने में आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें अब मजबूरी में पूरा किराया चुकाकर यात्रा करना पड़ रहा है. जबकि LCTSL के जिम्मेदार सामाजिक जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ रहे हैं. सामाजिक कल्याण में अपनी भागिदारी नहीं निभा कर समाज के कमजोर तबके की पेरशानियों को बढ़ा रहे हैं. अब जब स्टूडेंटस, सीनियर सिटीजन और दिव्यांगों ने एमएसटी की सेवा बहाल करने की आवाज उठाई तो फिर से एमएसटी बहाल करने की तैयारी हो रही है. लेकिन इसके लिए भी कोई समय सीमा तय नहीं की गई है.
लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की करीब 100 इलेक्ट्रिक बसें और 100 सीएनजी बसें शहर में संचालित होती हैं. इसी साल फरवरी महीने में सिटी ट्रांसपोर्ट ने एमएसटी की दरें कम कर दी थीं. महिलाओं, 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों और छात्रों को मासिक पास से सफर करने पर बस में काफी छूट मिलती थी. सिटी बसों में सिर्फ 30 ट्रिप के किराए की दर पर 60 ट्रिप की यात्रा करने की सुविधा दी गई थी. बुजुर्गों, महिलाओं और छात्रों के लिए एमएसटी वरदान साबित हो रही थी, लेकिन अचानक के पिछले कई महीनों से यह सुविधा बंद कर दी गई. जिससे सिटी बसों से सफर करने पर यात्रियों को पूरा पैसा चुकाना पड़ रहा है.
सिटी बसों से हर रोज हजारों की संख्या में यात्री सफर करते हैं. कॉलेज और कोचिंग जाने वाले स्टूडेंट तो एमएसटी के ही भरोसे रहते हैं. हर रोज सिटी बसों से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या तकरीबन 60 हजार से 65 हजार है, लेकिन अगर एमएसटी धारकों की बात की जाए तो यह संख्या भी 20 हजार से कम नहीं है. अब एमएसटी सेवा ठप होने से इन सभी को पूरा भुगतान करना पड़ रहा है.