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दिल्ली में बस मार्शलों की बहाली के मुद्दे पर घमासान जारी; मंत्री ने पकड़े भाजपा विधायक के पैर - DELHI BUS MARSHALS ISSUE - DELHI BUS MARSHALS ISSUE

दिल्ली में बस मार्शलों की बहाली के मुद्दे पर घमासान जारी है. वहीं हिरासत में लिए गए नेताओं को पुलिस ने छोड़ दिया है.

दिल्ली में बस मार्शलों की बहाली के मुद्दे पर संग्राम
दिल्ली में बस मार्शलों की बहाली के मुद्दे पर संग्राम (AAP X)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 5, 2024, 11:05 PM IST

Updated : Oct 6, 2024, 12:08 PM IST

नई दिल्ली: नौकरी की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे बस मार्शलों के समर्थन में आए आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भाजपा पर धोखा देने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि सरकार द्वारा कैबिनेट की बैठक बुलाकर उनकी नौकरी नियमित करने का प्रस्ताव तो पास कर दिया गया, लेकिन जब सीएम आतिशी उस प्रस्ताव को लेकर भाजपा विधायकों के साथ एलजी हाउस बैठक करने पहुंची तो उसका नतीजा कुछ भी नहीं निकला. भाजपा की इस वादाखिलाफी से भड़के बस मार्शल और दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री और विधायक एलजी हाउस के बाहर ही धरने पर बैठ गए.

बस मार्शलों के साथ मंत्री सौरभ भारद्वाज और मुकेश अहलावत, विधायक दिलीप पांडे, संजीव झा, कुलदीप कुमार, राजेश गुप्ता, रोहित महरौलिया, अजय दत्त और पार्टी के अन्य नेता भी धरने पर बैठ गए और बस मार्शलों की नौकरी बहाल करने की मांग पर अड़ गए. इस पर दिल्ली पुलिस ने मंत्री सौरभ भारद्वाज व मुकेश अहलावत और विधायकों के साथ बस मार्शलों को बल प्रयोग कर हिरासत में ले लिया. हालांकि, रात होने पर पुलिस ने सभी नेताओं और बस मार्शलों को छोड़ दिया.

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के लोगों और बस मार्शलों को धोखा दिया है. (ETV BHARAT)

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के लोगों और बस मार्शलों को धोखा दिया है. उन्होंने इसके लिए नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता के पैर भी पकड़े. दिल्ली सरकार ने बस मार्शलों की नौकरी नियमित करने को लेकर तत्काल कैबिनेट बैठक कर और प्रस्ताव पास कर दिया, उस कैबिनेट नोट पर हमने हस्ताक्षर भी कर दिए, लेकिन एलजी ने अभी तक उस पर हस्ताक्षर नहीं किए.

दिल्ली पुलिस ने मंत्री सौरभ भारद्वाज व मुकेश अहलावत और विधायकों के साथ बस मार्शलों को बल प्रयोग कर हिरासत में ले लिया. (ETV BHARAT)

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 26 सितंबर को विधानसभा में यह तय हुआ था कि आम आदमी पार्टी और भाजपा के विधायक सब मिलकर इन बस मार्शलों के साथ एलजी साहब के पास जाएंगे और बस मार्शलों की नौकरी बहाल करवाएंगे. लेकिन 3 अक्टूबर को हमने रात तक इंतजार किया. लेकिन भाजपा के विधायक नहीं आए. आज बड़ी मुश्किल से भाजपा के विधायक आए. दो घंटे तक बस मार्शलों के सामने वीडियो पर पूरी चर्चा हुई. इसपर भाजपा वालों ने कहा कि अगर आप कैबिनेट से यह प्रस्ताव पास कर दोगे तो हम एलजी साहब से इसे पास करवा देंगे. लेकिन फिर भी हमने कहा कि चलो आपकी तसल्ली के लिए इसे कैबिनेट से पास करा देते हैं. इसके बाद उसी समय कैबिनेट को बुलाकर दिल्ली विधानसभा के प्रस्ताव को पास कर एलजी साहब से उसे पास करने की सिफारिश की.

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मंत्रियों, विधायकों और बस मार्शलों ने भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता के पैरों में गिरकर उनसे विनती की कि वह हमारे साथ एलजी हाउस आएं. हमने उनकी गाड़ी में मुख्यमंत्री को बैठाया ताकि वह रास्ते से भाग न जाएं. विजेंद्र गुप्ता ने रास्ते में दो बार गाड़ी रोककर यू-टर्न लेने की कोशिश की. हमारे पास इसका वीडियो है. बड़ी मुश्किल से उन्हें लेकर आए हैं. लेकिन जैसे ही उनकी गाड़ी अंदर घुसी. भाजपा के विधायक और हमारी मुख्यमंत्री उनके साथ थीं. बस मार्शल भी अंदर घुसे. लेकिन उन बस मार्शलों को बाहर निकाल दिया गया, ताकि एलजी साहब इन दीवारों के पीछे जो षड़यंत्र करें वो जनता के सामने न आ जाए. वो बस मार्शलों को न पता चल जाए. इसलिए हमारे विधायकों और मंत्रियों को भी अदर नहीं जाने दिया. जब तक एलजी साहब इसपर साइन नहीं करेंगे तब तक हम यहीं बैठेंगे.

दिल्ली में बस मार्शलों की बहाली के मुद्दे पर खींचतान जारी है (ETV BHARAT)

बस में यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगाए गए थे बस मार्शल:आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने 2015 में बसों में यात्रा कर रहे लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर बस मार्शल नियुक्त करने का फैसला किया था. खासकर महिलाएं बसों में यात्रा के दौरान खुद को असुरक्षित महसूस कर रही थी. सभी यात्रियों को बसों के सुरक्षा मुहैया कराने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री केजरीवाल के निर्देश पर बस मार्शल नियुक्त करने का प्रस्ताव आया था. प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद करीब 10 हजार बस मार्शलों को बसों में तैनात किया गया.

भाजपा की इस वादाखिलाफी से भड़के बस मार्शल और दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री और विधायक एलजी हाउस के बाहर ही धरने पर बैठ गए. (ETV BHARAT)

आठ साल तक कोई नौकरी करने में नहीं हुई दिक्कत:सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स (सीडीवी) 2015 से 2022 तक करीब 8 साल बिना किसी बांधा के कार्य करते रहे. इनकी नियुक्ति और सैलरी जारी करने में तीन विभाग परिवहन, राजस्व और वित्त विभाग शामिल है. बस मार्शलों की कमी पर परिवहन विभाग राजस्व विभाग को लिखता है. इसके आधार पर राजस्व विभाग भर्तियां निकालकर सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स (सीडीवी) की भर्ती करता है और वित्त विभाग उनकी सैलरी का भुगतान करता है. 2015 से 2022 तक तीनों विभागों ने कोई विरोध नहीं किया. लेकिन 2023 की शुरुआत में ही तीनों विभागों का रुख बदल गया. जबकि तीनों विभागों में नियुक्ति अफसर पहले वाले ही थे.

Last Updated : Oct 6, 2024, 12:08 PM IST

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