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'कैसे होगी बेटी की शादी.. कैसे कराएं इलाज'- 5 साल से लंबित अनुदान ने शिक्षकों की जिंदगी को संकट में डाला - Strike in Masaurhi DN College

lockout in college मसौढ़ी का द्वारिका नाथ महाविद्यालय हमेशा से कई समस्याओं के कारण सुर्खियों में रहा है. एक बार फिर चर्चा में है. इस बार सभी शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी, प्रबंधन के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया. कॉलेज में तालाबंदी करते हुए सभी काम को बाधित कर दिया. पढ़िये, विस्तार से क्या मामला है.

द्वारिका नाथ कॉलेज में तालाबंदी.
द्वारिका नाथ कॉलेज में तालाबंदी. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 22, 2024, 4:42 PM IST

द्वारिका नाथ कॉलेज में हड़ताल (ETV Bharat)

पटना: राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी के द्वारिका नाथ महाविद्यालय के सभी शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों ने गुरुवार को कॉलेज में तालाबंदी करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया. वे पिछले पांच साल के बकाया अनुदान की मांग कर रहे हैं. प्रोफेसर बिजेंदर पासवान, डॉ मदन प्रसाद, प्रोफेसर श्याम किशोर सिंह, डॉ महेंद्र कुमार सिंह, डॉ मुंद्रिका मिस्त्री आदि शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि जब तक लंबित अनुदान नहीं मिलेगा तब तक हड़ताल जारी रहेगी.

क्या है मामलाः डीएन कॉलेज में तकरीबन 85 शिक्षक हैं. 60 शिक्षकेतर कर्मचारी हैं. वर्ष 2012 से लेकर 2016 तक की अनुदान राशि सरकार द्वारा कॉलेज के खाते में जमा करायी गयी है. यह राशि तकरीबन 7:50 करोड़ है. आंदोलन कर रहे शिक्षक डॉक्टर अखिलेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि प्रबंधन की लापरवाही के कारण 5 वर्षों का अनुदान सभी शिक्षकों का लंबित है. इस कारण कई शिक्षकों के घर में शादी विवाह जैसे जरूरी काम रुके हुए हैं. कई शिक्षक अपनी बीमारी का इलाज कराने को आस लगाए बैठे हैं.

क्यों लंबित है राशिः हड़ताली कर्मियों का आरोप है कि कॉलेज के प्रचार्य और सचिव की आपसी रंजिश के कारण अनुदान राशि का भुगतान नहीं हो पा रहा है. कॉलेज के शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी परेशान हो चुके हैं. सभी कॉलेजकर्मियों ने कॉलेज के मुख्य गेट पर तालाबंदी कर दिया. साथ ही चेतावनी दी कि जब तक अनुदान की लंबित राशि नहीं मिलेगी, कॉलेज के सभी कार्य बाधित रहेंगे.

"हमारे डीएन कॉलेज में पिछले 5 वर्षों की अनुदान राशि कॉलेज के खाते में आयी हुई है, लेकिन कॉलेज प्रबंधन की मनमानी और उदासीनता के कारण हम सबको मानदेय नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में कई शिक्षक के सामने भूखे मरने की नौबत आ गयी है."- डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह, शिक्षक, डीएन कॉलेज मसौढ़ी

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