अयोध्याः बाराबंकी से लेकर जौनपुर के बीच ट्रैक दोहरीकरण का कार्य पूर्ण होने के बाद अब तेज गति से ट्रेनों के संचालन के लिए भारतीय रेल पूरी तरह से तत्पर है. वहीं, रेलवे ने यहां फैसला लिया है कि अयोध्या धाम और अयोध्या कैंट जंक्शन के बीच मौजूद करीब 100 साल पुराना आचार्य नरेंद्र देव नगर स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव बंद कर दिया जाए. इसके पीछे वजह है कि अगर इस स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव होगा तो अयोध्या धाम व अयोध्या कैंट से आने वाली ट्रेनों को रोकना पड़ेगा.
अयोध्या धाम अयोध्या कैंट स्टेशन के बीच की दूरी सिर्फ 8 किलोमीटर है ऐसे में इतनी कम दूरी के बीच किसी स्टेशन का बड़ा महत्व नहीं रह जाता है. इसको देखते हुए अब इस स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव बंद करने की योजना बनी है. वही रेलवे के सूत्रों के मुताबिक इस स्टेशन पर तैनात स्टाफ को भी अन्य रेलवे स्टेशन पर भेज दिया जाएगा.
आचार्य नरेंद्र देव की जन्मस्थली के कारण स्टेशन का नाम पड़ा
आचार्य नरेंद्र देव रेलवे स्टेशन शहर के बीच रीडगंज मोहल्ले में स्थित है. इसे सिटी स्टेशन के नाम से भी जाना जाता है. रेल कर्मियों के अनुसार यह स्टेशन करीब 100 वर्ष पुराना है. इस स्टेशन पर सियालदह एक्सप्रेस, दून एक्सप्रेस, किसान एक्सप्रेस, फरक्का एक्सप्रेस व मनकापुर-अयोध्या कैंट पैसेंजर का ठहराव होता है. बुधवार को ही रेलवे ने अयोध्या सेक्शन सहित जौनपुर से बाराबंकी तक दोहरीकरण पूर्ण किया है.आचार्य नरेंद्र देव रेलवे स्टेशन पर अब किसी भी ट्रेन का ठहराव नहीं होगा. दोहरीकरण पूर्ण होने के बाद रेलवे ने परिचायलन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए यह निर्णय लिया है.
आखिर क्यों बंद किया जा रहा है यह स्टेशन
यह स्टेशन अयोध्याधाम जंक्शन एवं अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन के मध्य पड़ता है. रेलवे के अनुसार दोहरीकरण के बाद इस स्टेशन से ट्रेनें का यातायात परिचालन व्यवस्था को सुस्त कर सकता है.अयोध्या कैंट एवं अयोध्या धाम जंक्शन दोनों ही महत्वपूर्ण स्टेशन हैं. इनके बीच इस स्टेशन का महत्व रेलवे को कम लगता है. इसीलिए इस स्टेशन से रेल यातायात को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है. यहां तैनात स्टाफ को अन्यत्र स्टेशनों पर समायोजित किया जाएगा. सिटी स्टेशन अब हाल्ट स्टेशन की भूमिका में रहेगा.