रांची: मोदी लहर में सिंहभूम सीट से 2019 में चुनाव जीतकर सुर्खियों में आई कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा ने हाथ का साथ छोड़कर अपने हाथ में अब कमल ले ली है. लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से ठीक पहले गीता कोड़ा का पाला बदलने से महागठबंधन को कोल्हान क्षेत्र में भारी झटका लगा है. हालांकि कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने गीता कोड़ा के बीजेपी में जाने से कोई फर्क नहीं पड़ने की बात कही है.
मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने विधानसभा परिसर में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि गीता कोड़ा के बीजेपी में जाने से कोल्हान में और अच्छा हो गया है और मजबूती हो गया है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी का कोल्हान में खाता नहीं खुला था इस बार भी लोकसभा चुनाव के दौरान कोल्हान की दोनों सीटों में से एक भी सीट बीजेपी नहीं जीत पाएगी. मुख्यमंत्री से जब यह पूछा गया कि सिंहभूम सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा का दावा है तो उन्होंने कहा कि सभी 14 सीट जीतने का काम महागठबंधन करेगा इसके लिए तैयारी चल रही है.
इधर कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि देश में जिस तरह का माहौल है उसमें कहना मुश्किल है कि कौन कहां जाएगा लेकिन गीता कोड़ा के बारे में लगातार मीडिया में यह खबर आ रही थी कि वह भाजपा में शामिल होने जा रही हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड कांग्रेस में इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. आलमगीर आलम ने सिंहभूम सीट कांग्रेस का होने का दावा करते हुए कहा कि हम लोगों का मकसद एक सीट नहीं बल्कि सभी 14 सीट का है जिस पर इंडिया गठबंधन मजबूती के साथ चुनाव लड़ने का काम करेगा.
गृहणी से राजनीतिक छवि बनाने में सफल रही हैं गीता कोड़ा
गीता कोड़ा पूर्व सीएम मधुकोड़ा की पत्नी हैं और दो-दो बार जगन्नाथपुर सीट से विधायक रही हैं. गीता कोड़ा सिंहभूम सीट से पहली महिला के जीतने का रिकॉर्ड बना चुकी है. 2014 के मोदी लहर में एनडीए प्रत्याशी लक्ष्मण गिलुवा के हाथों हार का बदला गीता कोड़ा 2019 में लेकर कांग्रेस केन्द्रीय नेतृत्व का चहेता बन गई और उन्हें प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई. इसके बाबजूद वो कांग्रेस पार्टी के अंदर कुछ दिनों से नाराज चल रही थी. नये प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर के कहने पर वो पिछले दिनों राहुल गांधी की न्याय यात्रा के दौरान पार्टी की बैठक में सक्रिय जरूर हुई मगर अंत में वही हुआ जो होना था. गीता कोड़ा के अचानक बीजेपी में शामिल होने की खबर आई और देखते ही देखते जिस मधु कोड़ा के खिलाफ बीजेपी के नेता आरोप लगाते नहीं फिरते थे वही नेता मधु कोड़ा और गीता कोड़ा का स्वागत करते दिखे.