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प्रदेश कर्मचारियों ने भजनलाल सरकार को दिखाई आंख, 20 सितंबर को मनाएंगे ज्ञापन दिवस - Memorandum Day by Employees

वेतन विसंगति समिति की सिफारिशों को सार्वजनिक करने की मांग को लेकर कर्मचारी 20 सितंबर को ज्ञापन दिवस मनाएंगे. महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने कहा कि 20 सितंबर को ज्ञापन दिवस, उसके बाद भी मांग पूरी नहीं तो आंदोलन करेंगे.

Gyapan Diwas on September 20
राज्य कर्मचारियों का ज्ञापन दिवस (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 11, 2024, 11:03 PM IST

वेतन विसंगति समिति की सिफारिशों को सार्वजनिक करने की मांग (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: प्रदेश की भजनलाल सरकार ने भले ही सत्ता में आने के बाद कर्मचारियों के लिए कई तरह की घोषणा की हो, लेकिन वेतन विसंगति कर्मचारियों का ऐसा बड़ा मुद्दा है जो लगातार बना हुआ है. यही वजह है कि अब कर्मचारी संगठन सरकार को आंदोलन की चेतावनी देने लगे हैं. राज्य सरकार द्वारा गठित कर्मचारियों की वेतन विसंगति परीक्षण समिति की शेष सिफारिशों को सार्वजनिक करने की मांग को लेकर अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के आह्वान पर राज्य कर्मचारी 20 सितंबर को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर ज्ञापन दिवस मनाते हुए जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपेंगे.

आंदोलन को मजबूर कर्मचारी: महासंघ प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि 29 जुलाई, 2024 को वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घोषणा की थी कि गत सरकार द्वारा गठित कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति की वेतन सुधार/वेतन विसंगति संबंधी शेष सभी सिफारिश को 1 सितंबर, 2024 से लागू कर दिया जाएगा. लेकिन घोषणा के बाद से आज तक राज्य सरकार ने वेतन विसंगति परीक्षण समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया है. इससे प्रदेश के राज्य कर्मचारियों में काफी आक्रोश है.

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उन्होंने बताया कि 20 सितंबर को प्रदेश के राज्य कर्मचारी अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के आव्हान पर जिला अध्यक्षों के नेतृत्व में सभी जिला मुख्यालय पर ज्ञापन दिवस मनायेंगे और जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन देंगे. जयपुर में यह ज्ञापन मुख्य सचिव को दिया जाएगा. राठौड़ ने कहा कि इसके बाद भी यदि सरकार ने समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया, तो राज्यव्यापी आंदोलन करने को मजबूर होगा.

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कमेटी पर कमेटी: राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार ने कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए 3 नवंबर, 2017 को डीसी सामंत, सेवानिवृत्त आईएएस की अध्यक्षता में वेतन विसंगति निवारण समिति का गठन किया था. जिसकी रिपोर्ट सामंत कमेटी ने 5 अगस्त, 2019 को राज्य सरकार को सौंप दी थी. लेकिन सरकार ने इस कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के बजाय वेतन विसंगतियां के निराकरण के लिए 5 अगस्त, 2021 को एक और कमेटी खेमराज चौधरी, सेवानिवृत आईएएस की अध्यक्षता में कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति के नाम से गठित कर दी.

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इस कमेटी की रिपोर्ट भी 30 दिसंबर, 2022 को राज्य सरकार को प्राप्त हो चुकी है. यह दोनों ही रिपोर्ट वर्तमान में राज्य सरकार में परीक्षणाधीन है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इससे पहले भी वेतन विसंगतियों के निराकरण के लिए कई कमेटियां बनाई हैं, लेकिन उनकी रिपोर्टों को कभी सार्वजनिक नहीं किया गया. सरकार की इस तरह की मंशा से कर्मचारियों में रोष बढ़ता जा रहा है. सरकार को बार-बार चेताने पर भी सरकार इस और ध्यान नहीं दे रही है.

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