मेरठ :मेरठ मंडल के 6 जिलों के पांच लोकसभा क्षेत्रों में इस बार जनता में मतदान के प्रति दिलचस्पी घट गई. यह हाल तब है जब पश्चिमी यूपी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद चुनावी शंखनाद किया. गाजियाबाद में रोड शो किया. विपक्षी नेताओं में अखिलेश यादव और मायावती के अधिक से अधिक मतदान की अपील का भी कोई असर नहीं पड़ा. मंडल की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीट मेरठ पर मशहूर टीवी कलाकार अरुण गोविल की उपस्थिति भी मतदान प्रतिशत नहीं बढ़ा सकी, जिससे दूसरे चरण में वोटिंग घटी है.
8.67 प्रतिशत मतदाताओं ने कम दिखाई दिलचस्पी :18वीं लोकसभा के लिए दूसरे चरण के लिए बीते दिन मतदान हुआ. पहले चरण के बाद तमाम दलों को यह उम्मीद थी कि वोटिंग प्रतिशत सुधरेगा, लोग घरों से निकलेंगे. लेकिन, इस बार भी दूसरे चरण में ऐसा कुछ नहीं हुआ. अब मेरठ मंडल के 6 जिलों के पांच लोकसभा क्षेत्र में जनता ने मतदान के प्रति 2019 के बराबर भी दिलचस्पी नहीं दिखाई. मंडल के पांच जिलों में बागपत में 2019 की तुलना में सबसे अधिक 8.67 प्रतिशत मतदाताओं ने कम दिलचस्पी दिखाई. वहीं, दूसरे नंबर पर गौतमबुद्धनगर में 2019 की तुलना में इस बार 7.28 प्रतिशत मतदाता घट गये. बुलंदशहर में 7.06 प्रतिशत, गाजियाबाद में 6.21 प्रतिशत और मेरठ में 5.56 प्रतिशत कम मतदान हुआ है.
मतदाताओं में देखने को मिलेगा उत्साह :मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले चर्चित अभिनेता अरुण गोविल के प्रत्याशी बनने के बाद से सियासी पंडित ऐसा मान रहे थे कि यहां मतदाताओं में उत्साह देखने को मिलेगा. तमाम रोड शो हुए, सीएम योगी ने जहां अरुण गोविल के समर्थन में शहर की गलियों तक में पहुंचकर रोड शो किया था. वहीं, अखिलेश यादव से लेकर मायावती तक ने अपने-अपने प्रत्याशी के लिए यहां चुनावी जनसभा की. पीएम मोदी ने चुनावी शंखनाद यहीं से किया, मतदाताओं ने लेकिन चुनाव में उत्साह ही नहीं दिखाया. पीएम मोदी ने मेरठ से ही चुनावी शंखनाद किया था.
मतदाताओं ने नहीं दिखाई रूचि :टीवी सीरियल रामायण में राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल के प्रत्याशी बनने से मेरठ लोकसभा सीट की चर्चाएं तो खूब हुईं. नेशनल मीडिया भी मेरठ में डेरा डाले पड़ी रही. सीरियल में लक्ष्मण और सीता का किरदार निभाने वाले कलाकारों ने जब रोड शो किया था तो सड़कों पर पब्लिक का हुजूम था, लेकिन वोटिंग के दिन मतदाताओं ने रूचि नहीं दिखाई. यही वजह है कि बीते तीन बार के लोकसभा चुनावों पर गौर करें तो इस बार मतदान के प्रतिशत में गिरावट आई है.
दूसरे चरण में 58.70 फीसदी मतदान :दूसरे चरण में हुए मतदान में केवल 58.70 फीसदी मतदाता ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने बूथों तक पहुंचे. जबकि, आंकड़ों पर नजर डालें तो जब 2019 में मेरठ में जो मतदान प्रतिशत था, इस बार उसमें 5.56 फीसदी की गिरावट है. मतलब पिछले बार की तुलना में इस बार लगभग एक लाख 11 हजार से अधिक मतदाताओं ने अपने वोट नहीं डाले. 15 साल में मेरठ में सबसे कम मतदान होने से राजनैतिक विश्लेषक भी मानते हैं कि यह संकेत भाजपा के लिए अच्छे नहीं हैं.