आगरा :श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम जामा मस्जिद मामले के दो केस की सुनवाई बुधवार दोपहर दीवानी स्थित लघुवाद न्यायालय में होगी. जीपीआर सर्वे के प्रार्थना पत्र पर बुधवार को सुनवाई में बहस हो सकती है. पिछली तारीख पर न्यायालय ने योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के श्रीकृष्ण विग्रह वाद बनाम सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड समेत अन्य में भारत संघ को विपक्षी बनाने का आदेश हुआ है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट और जामा मस्जिद प्रबंधन समेत अन्य और योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के श्रीकृष्ण विग्रह वाद बनाम सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड समेत अन्य में अभी एएसआई से जामा मस्जिद के जीपीआर सर्वे का प्रार्थना पत्र विचाराधीन है. जिस पर न्यायालय में बुधवार को सुनवाई हो सकती है.
बता दें कि न्यायालय सिविल जज (प्रवर खंड) के यहां आगरा जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबे भगवान श्रीकृष्ण के विग्रह निकालने के दो मामले विचाराधीन हैं. जिसमें एक मामले में वादी श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट और प्रतिवादी इंतजामिया कमेटी शाही मस्जिद एवं उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड समेत अन्य हैं. जबकि, दूसरे मामले में वादी योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट और प्रतिवादी इंतजामिया कमेटी मस्जिद, सेंट्रल सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, लोकल इस्लामिया कमेटी, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) अन्य हैं.
जीपीआर सर्वे के प्रार्धना पत्र सुनवाई आज :योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के प्रभु श्रीकृष्ण विग्रह केस में वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि 15 मार्च से जामा मस्जिद की सीढ़ियों का जीपीआर सर्वे (वैज्ञानिक सर्वे) का प्रार्थना पत्र विचाराधीन है. न्यायालय के आदेश से एएसआई व संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार को पहले ही विपक्षी बनाया गया है. इस मामले में एएसआई के अधिवक्ता विवेक कुमार ने आपत्ति प्रार्थना पत्र पर भारत संघ को विपक्षी बनाने का प्रार्थना पत्र दिया था. जिस पर न्यायालय ने भारत संघ को विपक्षी बनाने का आदेश जारी कर दिया.
वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि एएसआई ने उक्त प्रार्थना पत्र केवल GPR सर्वे को टालने के लिए दिया था. कानूनी भाषा में भारत संघ और भारत सरकार के पक्ष को सचिव संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार ही प्रस्तुत करेंगे. न्यायालय ने जामा मस्जिद के सर्वे पर सुनवाई की तारीख 23 अक्टूबर दी थी. जिस पर आज सुनवाई होगी, जबकि, दूसरे केस में वादी श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट के अधिवक्ता विनोद कुमार शुक्ला का कहना है कि जामा मस्जिद की सीढ़ियों का जीपीआर सर्वे कराने से जामा मस्जिद का सच सबके सामने आएगा. एएसआई की जीपीआर सर्वे रिपोर्ट से पूरा विवाद खत्म किया जा सकता है.
जामा मस्जिद प्रबंध समिति ने दाखिल की थी ये आपत्ति :योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि लघु वाद न्यायालय में पिछली सुनवाई में विपक्षी जामा मस्जिद प्रबंध समिति ने आपत्ति दाखिल की थी. पिछली तारीख पर जामा मस्जिद की सीढ़ियों के वैज्ञानिक सर्वे पर सुनवाई हुई थी, जिसमें जामा मस्जिद प्रबंध समिति की ओर से 'मआसिर-ए-आलमगीरी' पुस्तक का अनुवाद दाखिल किया था. जिसमें लिखा है कि ‘इस बुतखाने के तमाम खुर्द व एतनाम अकबर आबा में लाए गए और नवाब कुदसिया बेगम साहिब की तामीर कर्दा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दफन कर दिए गए. इससे ये साबित होता है कि मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मन्दिर के प्रभु श्रीकृष्ण के प्राण प्रतिष्ठित विग्रहों को आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबाया गया है. उस समय आगरा का नाम अकबराबाद था. शाहजहां की प्रिय बेटी जहांआरा को बेगम साहिब कहते थे. उसने ही जामा मस्जिद बनाई थी. जिसे बेगम साहिब की मस्जिद या कुदसिया बेगम साहिब की मस्जिद कहते थे.