उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

श्रीकृष्ण जन्मभूमि और जामा मस्जिद विवाद; GPR सर्वे के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई आज, जानें पूरा मामला

Shri Krishna Janmabhoomi Dispute : जामा मस्जिद के सीढ़ियों के नीचे की हकीकत जानने के लिए दिया गया था प्रार्थना पत्र

श्रीकृष्ण जन्मभूमि और जामा मस्जिद विवाद
श्रीकृष्ण जन्मभूमि और जामा मस्जिद विवाद (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 5 hours ago

आगरा :श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम जामा मस्जिद मामले के दो केस की सुनवाई बुधवार दोपहर दीवानी स्थित लघुवाद न्यायालय में होगी. जीपीआर सर्वे के प्रार्थना पत्र पर बुधवार को सुनवाई में बहस हो सकती है. पिछली तारीख पर न्यायालय ने योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के श्रीकृष्ण विग्रह वाद बनाम सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड समेत अन्य में भारत संघ को विपक्षी बनाने का आदेश हुआ है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट और जामा मस्जिद प्रबंधन समेत अन्य और योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के श्रीकृष्ण विग्रह वाद बनाम सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड समेत अन्य में अभी एएसआई से जामा मस्जिद के जीपीआर सर्वे का प्रार्थना पत्र विचाराधीन है. जिस पर न्यायालय में बुधवार को सुनवाई हो सकती है.

बता दें कि न्यायालय सिविल जज (प्रवर खंड) के यहां आगरा जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबे भगवान श्रीकृष्ण के विग्रह निकालने के दो मामले विचाराधीन हैं. जिसमें एक मामले में वादी श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट और प्रतिवादी इंतजामिया कमेटी शाही मस्जिद एवं उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड समेत अन्य हैं. जबकि, दूसरे मामले में वादी योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट और प्रतिवादी इंतजामिया कमेटी मस्जिद, सेंट्रल सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, लोकल इस्लामिया कमेटी, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) अन्य हैं.

जीपीआर सर्वे के प्रार्धना पत्र सुनवाई आज :योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के प्रभु श्रीकृष्ण विग्रह केस में वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि 15 मार्च से जामा मस्जिद की सीढ़ियों का जीपीआर सर्वे (वैज्ञानिक सर्वे) का प्रार्थना पत्र विचाराधीन है. न्यायालय के आदेश से एएसआई व संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार को पहले ही विपक्षी बनाया गया है. इस मामले में एएसआई के अधिवक्ता विवेक कुमार ने आपत्ति प्रार्थना पत्र पर भारत संघ को विपक्षी बनाने का प्रार्थना पत्र दिया था. जिस पर न्यायालय ने भारत संघ को विपक्षी बनाने का आदेश जारी कर दिया.

वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि एएसआई ने उक्त प्रार्थना पत्र केवल GPR सर्वे को टालने के लिए दिया था. कानूनी भाषा में भारत संघ और भारत सरकार के पक्ष को सचिव संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार ही प्रस्तुत करेंगे. न्यायालय ने जामा मस्जिद के सर्वे पर सुनवाई की तारीख 23 अक्टूबर दी थी. जिस पर आज सुनवाई होगी, जबकि, दूसरे केस में वादी श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट के अधिवक्ता विनोद कुमार शुक्ला का कहना है कि जामा मस्जिद की सीढ़ियों का जीपीआर सर्वे कराने से जामा मस्जिद का सच सबके सामने आएगा. एएसआई की जीपीआर सर्वे रिपोर्ट से पूरा विवाद खत्म किया जा सकता है.

जामा मस्जिद प्रबंध समिति ने दाखिल की थी ये आपत्ति :योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि लघु वाद न्यायालय में पिछली सुनवाई में विपक्षी जामा मस्जिद प्रबंध समिति ने आपत्ति दाखिल की थी. पिछली तारीख पर जामा मस्जिद की सीढ़ियों के वैज्ञानिक सर्वे पर सुनवाई हुई थी, जिसमें जामा मस्जिद प्रबंध समिति की ओर से 'मआसिर-ए-आलमगीरी' पुस्तक का अनुवाद दाखिल किया था. जिसमें लिखा है कि ‘इस बुतखाने के तमाम खुर्द व एतनाम अकबर आबा में लाए गए और नवाब कुदसिया बेगम साहिब की तामीर कर्दा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दफन कर दिए गए. इससे ये साबित होता है कि मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मन्दिर के प्रभु श्रीकृष्ण के प्राण प्रतिष्ठित विग्रहों को आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबाया गया है. उस समय आगरा का नाम अकबराबाद था. शाहजहां की प्रिय बेटी जहांआरा को बेगम साहिब कहते थे. उसने ही जामा मस्जिद बनाई थी. जिसे बेगम साहिब की मस्जिद या कुदसिया बेगम साहिब की मस्जिद कहते थे.

जहांआरा ने बनवाई थी जामा मस्जिद :वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर 'राजे' बताते हैं कि शाहजहां की 14 संतानें थीं. जिसमें मेहरून्निसा बेगम, जहांआरा, दारा शिकोह, शाह शूजा, रोशनआरा, औरंगजेब, उमेदबक्श,. सुरैया बानो बेगम, मुराद लुतफुल्ला, दौलत आफजा और गौहरा बेगम शामिल थे. एक बच्चा पैदा होते ही मर गया था. मुगल बादशाह शहंशाह व शाहजहां की सबसे प्रिय बेटी जहांआरा थी. उसने अपने वजीफे की पांच लाख रुपये की रकम से सन् 1643 से 1648 के बीच जामा मस्जिद का निर्माण कराया था.

यह भी पढ़ें : श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही जामा मस्जिद विवाद; मुस्लिम पक्ष ने स्टे के लिए दिया एप्लीकेशन - AGRA JAMA MASJID CASE

यह भी पढ़ें : श्री कृष्ण जन्मभूमि विवादः मुस्लिम पक्ष ने सभी मामले एक साथ सुनने का आदेश वापस लेने की मांग की - Shri Krishna Janmabhoomi Dispute

औरंगजेब लाया था मथुरा से विग्रह और पुरावशेष :वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर 'राजे' बताते हैं कि 16वीं शताब्दी के सातवें दशक में मुगल बादशाह औरंगजेब ने मथुरा के केशवदेव मंदिर को ध्वस्त किया था. वो केशवदेव मंदिर की मूर्तियों के साथ ही तमाम पुरावशेष आगरा लेकर आया था. उसने मूर्तियों और पुरावशेष को जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबाया था. यह तमाम इतिहासकारों ने अपनी पुस्तकों में लिखा है. इसमें औरंगजेब के सहायक रहे मुहम्मद साकी मुस्तइद्दखां ने अपनी पुस्तक 'मआसिर-ए-आलमगीरी', प्रसिद्ध इतिहासकार जदुनाथ सरकार की पुस्तक 'ए शॉर्ट हिस्ट्री ऑफ औरंगजेब', पुस्तक 'तवारीख-ए-आगरा' और मथुरा के मशहूर साहित्यकार प्रो. चिंतामणि शुक्ल की पुस्तक 'मथुरा जनपद का राजनीतिक इतिहास' में भी जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे मूर्तियां दबाने का विस्तार से जिक्र किया है.


यह भी पढ़ें : आगरा जामा मस्जिद-श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद; भारत संघ को प्रतिवादी बनाने का आदेश, जीपीआर सर्वे पर 23 को सुनवाई

यह भी पढ़ें : आगरा जामा मस्जिद-श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद; ASI ने जवाब के लिए कोर्ट से मांगा समय, अब 28 अक्तूबर को सुनवाई - Agra Jama Masjid Dispute

ABOUT THE AUTHOR

...view details